पिता-पुत्र समेत तीन को उम्र-कैद,कोर्ट ने ठोंका 3.60 लाख रुपये का अर्थदंड
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सुलतानपुर। जमीनीं विवाद की रंजिश के चलते युवक की हत्या कर साक्ष्य मिटाने की नीयत शव को नहर में फेंक देने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राम विलास प्रसाद की अदालत ने पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिन्हें अदालत ने उम्र-कैद एवं कुल 3.60 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला धम्मौर थाना क्षेत्र के नरही गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले प्रदीप राय एवं नवीन कुमार सिंह के परिवार के बीच जमीनीं विवाद को लेकर मुकदमेबाजी चल रही थी। आरोप के मुताबिक प्रदीप ही मुकदमें की पैरवी करता था,इसलिए नवीन सिंह पक्ष के लोग उससे रंजिश रखते थे। आरोप के मुताबिक नौ अक्टूबर 2006 को प्रदीप धम्मौर बाजार से अपने घर के लिए आ रहा था, इसी दौरान रास्ते में नवीन सिंह और पूरे बखत मजरे नरही के रहने वाले उनके सहयोगी कन्हैया लाल उर्फ कन्हई व उसके पुत्र राजकुमार उर्फ बबलू ने प्रदीप राय को रोक लिया और उसे मारने- पीटने लगे।
आरोपियों ने प्रदीप पर ईंट से हमला बोल दिया और उसे गम्भीर चोंट पहुँचाकर मार डालने के बाद साक्ष्य मिटाने की नीयत से उसके शव को नहर में फेंक दिया। बाद में गोताखोरों की मदद से प्रदीप के शव को नहर से बरामद किया गया। पुलिस ने इस मामले में मृतक के भाई अरुण राय की तहरीर पर आरोपीगण कन्हैया लाल, उसके पुत्र राजकुमार उर्फ बबलू एवं सह आरोपी नवीन सिंह के खिलाफ हत्या एवं साक्ष्य मिटाने के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल हुआ और प्रकरण का विचारण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत में चला।
इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए आरोपियों को बेकसूर बताया।वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह ने आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश राम विलास प्रसाद की अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्र-कैद एवं प्रत्येक को एक लाख 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से आधी रकम पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है।