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जनपद गठन के साढ़े बारह वर्ष बाद भी मुख्यालय के लिए नहीं है परिवहन सेवा

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अमेठी।

जिला मुख्यालय गौरीगंज (अमेठी)जाने के लिए कोई सरकारी बस सेवा(परिवहन व्यवस्था) न होने से सिंहपुर क्षेत्र के लोगों के लिए यह जिला काफी दुखदाई है अपनी निजी परिवहन व्यवस्था नहीं है तो कोई भी गरीब अपनी समस्या जिले के आला अधिकारियों के पास जाकर नहीं सुना सकता।

70 किमी का रास्ता यदि कोई गरीब सायकिल से भी नापना चाहे तो जबतक वह जनपद मुख्यालय स्थित अपनी आवश्यकता वाले अधिकारी के आफिस पहुंचता है तब तक अधिकारी उठ चुका होता है।और तब हताशा ही उसके साथ लगती है।बारह वर्ष पूर्व जब जिले का श्रृजन हुआ था तभी से इन सभी समस्याओं को लेकर क्षेत्र के लोगों ने रायबरेली जिले में जोड़े जाने की मांग करते रहे हैं।

समस्या यह है कि जनपद मुख्यालय के लिए न बस सेवा है सीधा कोई मार्ग ही है।यदि हैदरगढ़ से कोई निकलता है तो जगदीशपुर तक तो उसे बस या अन्य साधन उपलब्ध हो जायेगा लेकिन उसके आगे डग्गामारी ही करनी है।यदि वाया तिलोई जाना चाहे तो निजी साधन ही एक मात्र विकल्प है।

जनपद का सृजन जूलाई 2010 में हुआ था परन्तु 12 वर्षों बाद भी लोगों को एक अदद जनपद मुख्यालय जाने के लिए बस सेवा का इंतजार है।सिंहपुर क्षेत्र के पश्चिमी छोर के लोगों को वैसे भी अमेठी जनपद का गौरीगंज मुख्यालय तक 65से70किमी की दूरी तय कर पहुंचना आसान काम नहीं है दूसरे परिवहन व्यवस्था न होने पर व्यक्ति कैसे पहुंचेगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

क्षेत्र के खरांवा,कुसुंभी,टिकरी, कुकहा रामपुर, गोयन,जैतपुर,हथरोहना, पेडरिया, महिया सिंदुरिया, लौली,जगतपुर, टेढई, मेहमानपुर ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को 65से 70 किमी का सफर जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए तय करना पड़ता है। जिला पहुंचना इसलिए भी आसान नहीं है क्योंकि न कोई सीधी सड़क है जो है भी इतनी बदहाल कि उस पर चलना मौत को दावत देने के बराबर है।

प्रदेश की राजधानी जाना आसान है,परन्तु जिला नहीं

जिन गांवों से जनपद मुख्यालय गौरी गंज की दूरी 65 से 70 किमी है उन्हीं गांवों से प्रदेश की राजधानी की दूरी भी लगभग इतनी ही है या इससे कुछ कम होगी।साथ ही किसी भी व्यक्ति के लिए लखनऊ का रास्ता भी एक घंटे से अधिक का नहीं है क्योंकि हर पंद्रह मिनट पर साधन उपलब्ध हैं इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की इस क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय व बैंको तथा अन्य स्थानों पर नौकरी करने वाले लखनऊ से आते जाते हैं।

सभी का एक स्वर में कहना है कि हैदरगढ़ वाया शिवरतन गंज सेमरौता तिलोई जायस होते हुए बस चलाई जाए तो अति आवश्यक विधाई कार्यों के लिए तहसील से लेकर मंडी और जनपद मुख्यालय का जुड़ाव आसान हो सकता है। पन्हौना निवासी अमित कुंवर का कहना है कि गौरीगंज पहुंचना है तो निजी साधन से पहुंचना ही एक मात्र विकल्प है।

सुनील सिंह निवासी खेखरुआ का कहना है कि कई बार हम लोग विभिन्न कार्यों से गौरीगंज जाना चाहते हैं तो खराब रास्तों के चलते पहले ही रूह कांप जाती है फिर भी आवश्यक कार्यों के चलते जाना मजबूरी होता है तब बड़ी समस्या होती है जब संबंधित अधिकारी से मुलाकात भी नहीं होती है।

शिवरतनगंज निवासी अनिल गुप्ता कहते हैं कि आम गरीब आदमी यदि अपनी कोई समस्या लेकर जिले के अधिकारी के पास जाना चाहे तो जब तक वह मुख्यालय पहुंचता है तब तक अधिकारी अपने आफिस से उठ जाता है और हताशा ही उसके हाथ लगती है।

राधेलाल मिश्र पूर्व प्रधान खरांवा का कहना है कि यदि हैदरगढ़ से जगदीशपुर और जगदीशपुर से साधन बदलकर जामो होकर जाना चाहे तो वहां भी टेम्पो का सहारा है। जो समय पर नहीं पहुंचते। पूरे बैसन गांव के निवासी संजीत का कहना है कि गरीबों के लिए निश्चित समय पर अधिकारियों से जनपद जाकर मिलना आसान नहीं है।

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