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खाक सब कुछ किया मोहब्बत में एक तस्वीर तक नहीं छोड़ी…

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प्रतापगढ़ । साहित्य सृजन मंच के तत्वावधान में एक विराट कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन केशव प्लाजा रानीगंज कैथौला प्रतापगढ़ में संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता अवधि के वरिष्ठ कवि आचार्य अनीश देहाती ने की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्राधिकारी लालगंज राम सूरत सोनकर एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य दुर्गा प्रसाद ओझा जी रहे I

कार्यक्रम का संयोजन वीर रस के कवि हरि बहादुर सिंह हर्ष ने किया इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में लब्ध प्रतिष्ठ विभूतियों का सारस्वत सम्मान किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके उनका पूजन किया गया फिर प्रतापगढ़ से पधारी कवित्री अर्चना सिंह की वाणी वंदना से कवि सम्मेलन का श्रीगणेश हुआ।

हेमवती नंदन बहुगुणा पीजी कॉलेज लालगंज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर दुर्गा प्रसाद ओझा जी एवं हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा कबीर सम्मान से पुरस्कृत ख्याति लब्ध साहित्यकार मानस रत्न डॉक्टर अंबिकेश त्रिपाठी जी का सारस्वत सम्मान साहित्य से जनमंच के आयोजक एवं संरक्षक समिति ने सम्मान पत्र एवम अंगवस्त्रम से किया I इसी क्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाली महान विभूतियों को भी सम्मानित किया गया I

जिसमें प्रमुख रूप से प्रतिमा प्रकाशन नई दिल्ली के संपादक त्रिवेणी पाल त्रिपाठी जी को कुंवर तेजभान सिंह सम्मान तथा क्षेत्राधिकारी लालगंज रामसूरत सोनकर सहित पत्रकार गौरव विवेक , संकटा प्रसाद महाविद्यालय के प्रबंधक राकेश सिंह, राममूर्ति मिश्र इंटर कॉलेज अगई के प्रबंधक विजय शंकर मिश्र, साहित्यकार डॉक्टर कामतानाथ सिंह, मशहूर कहानीकार श्री प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम ,चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉक्टर अजय मिश्र तथा शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के पद पर आसीन अशोक कुमार सिंह, एवं अन्य क्षेत्रों में गोविंद बाबू केसरवानी, अर्जुन जायसवाल, आदि को संस्था द्वारा अंगवस्त्रम एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कवि सम्मेलन का प्रारंभ सुल्तानपुर से पधारे युवा रोज कवि अभिमन्यु तरंग द्वारा हुआ जिसमें अंत तक किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं पाई गई प्रत्येक कवि की रचनाओं को श्रोताओं ने तालियों की ध्वनि के साथ सुना । मशहूर गजल कार डॉ दीपक रुहानी के शेर लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ते नजर आए फैयाज अहमद परवाना ने जब राम रसायन पुस्तक से केवट संवाद के छंद पढ़ने शुरू किए तो पूरा वातावरण राममय हो गया  I

अयोध्या से पधारे आज के सशक्त रचना कार संतोष विद्रोही ने नेताओं पर केंद्रित व्यंग पढ़कर वाहवाही लूटी वही सम्मानित होने वाले मानस रत्न डॉक्टर अंबिकेश त्रिपाठी ने मानस की चौपाइयों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तत्पश्चात वरिष्ठ गीतकार सत्येंद्र सिंह सौम्य जब बसंत आधारित लोकगीत पढ़ा तो लोग अपने को ताली बजाने से रोक नहीं सके उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए एक गीत पढ़ा, बेटी तो तुलसी होती है अपने आंगन की,

आगरा से पधारी कवित्री निभा चौधरी ने पढ़ा “फूल की क्यारियों में जहां तक गई सिर्फ कांटों के जंगल घनेरे मिले”,प्रयागराज के युवा कवि शिवम भगवती ने कहा निर्जन वन में पैदल जाना पड़ता है पितु वचनों का धर्म निभाना पड़ता है I कुंडा के अतुल सिंह ने भी अपने मुक्तक से प्रभाव जमाया वही नवगीत के रचयिता साहित्यकार डॉ कामतानाथ सिंह ने कहा ओ मीत आजा रे अब तो शगुन लिए फागुन मुस्काए I

गौरव शर्मा सलोन से तथा आशुतोष ने भी रचनाएं सुनाकर कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की प्रतापगढ़ की अर्चना सिंह ने पढ़ा
खाक सब कुछ किया मोहब्बत में एक तस्वीर तक नहीं छोड़ी,
इश्क तुझ पर लुटा दिया सारा दिल की जागीर तक नहीं छोड़ी I
अंत में कार्यक्रम के आयोजक जितेंद्र सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया।

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