स्कूलों में दिव्यांग शौचालयों के निर्माण में धीमी प्रगति पर अधिकारियों पर कार्यवाही की लटकी तलवार
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LOKDASTAK
अमेठी। आपरेशन कायाकल्प की समीक्षा के दौरान स्कूलों में दिव्यांग शौचालयों के निर्माण की प्रगति ठीक न होने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत जिले के सभी स्कूलों मे दिव्यांग शौचालयों के निर्माण के निर्देश दिए गये है।तीन दिन पहले डी एम ने आपरेशन कायाकल्प के कार्यो की। समीक्षा के दौरान दिव्यांग शौचालय पैरामीटर ठीक नहीं मिला।
डीएम ने खंड विकास अधिकारियों की क्लास लगाई और एक सप्ताह के भीतर काम न शुरू होने पर वेतन रोकने का अल्टीमेटम दिया है। शुक्रवार को सभी खंड विकास अधिकारियों ने पंचायत सचिवों के साथ बैठक कर पंचायत वार प्रगति का विवरण तैयार कराया है।अमेठी में खंड विकास अधिकारी हरिश्चंद्र सिंह ने सात पंचायत सचिवों को नोटिस जारी की है।
भादर में शनिवार को ए डी ओ पंचायत गुलाब चंद ने तीन ग्राम पंचायतों में काम शुरु कराया।संग्रामपुर,भेंटुआ,शाहगढ़, जगदीशपुर ,मुसाफिर खाना में भी शनिवार को पूरा दिन सहायक विकास अधिकारी पंचायत और ग्राम पंचायत अधिकारी दिव्यांग शौचालयों के निर्माण शुरू कराने की कोशिश में लगे रहे।
बजट की समस्या का कोई हल नहीं कर पा रहे अधिकारी
जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में केन्द्रीय और राज्य वित्त आयोग के मद में धनराशि बहुत कम है।मानदेय वितरण के बाद तमाम ग्राम पंचायतों में पैसा खत्म हो गया है।पहले से उधारी पर काम करा चुके ग्राम प्रधान अब बिना पेमेंट के नया काम कराने को तैयार नहीं है।पंचायत सचिवों पर काम शुरु कराने का दबाव है।कई पंचायत सचिवों ने बताया कि एक दिव्यांग शौचालय की निर्माण लागत 95000रु है। पंचायतों में इतनी धनराशि अवशेष नही है।उधार निर्माण सामग्री खरीदकर काम कराने में कठिनाई हो रही है।
प्रधान संघ के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि मानदेय के भुगतान के लिए बजट अलग से जारी होना चाहिए। सरकार अलग से बजट जारी करे। वित्त आयोग की धनराशि ग्राम पंचायतों को कार्ययोजना के अनुरूप सार्वजनिक हित में व्यय करने की छूट मिलनी चाहिए।