भ्रष्टाचार के मकड़जाल में डूबी समितियों का एडीओ सहकारिता को चार्ज
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अमेठी।
किसानों को कृषि निवेश और को फसली ऋण प्रदान करने के लिए सहकारिता आंदोलन से जन्मी साधन सहकारी समितियों का अस्तित्व सिंहपुर विकास क्षेत्र में मिटने की कगार पर पहुंच गया है।सिंहपुर क्षेत्र की पहले से सील पड़ी तीन साधन सहकारी समितियों का ताला गुरुवार को आधा दर्जन जिम्मेदार अधिकारियों की उपस्थिति में तुड़वाकर तीनो समितियों का कार्यभार सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) को सौंपा गया।
गुरुवार को अपर जिला सहकारी अधिकारी रमेश चंद्र कनौजिया की अगुवाई में राजस्व विभाग के प्रतिनिधि नितिन त्रिपाठी, रायबरेली जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अमित श्रीवास्तव की मौजूदगी में तीन साधन सहकारी समितियों का ताला तोड़ा गया।इन साधन सहकारी समितियों में कोटवा, इन्हौना और मत्तेपुर शामिल हैं।
इन तीनो समितियों को समिति के जिम्मेदार सचिव द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाए जाने के चलते एक वर्ष पूर्व उच्चाधिकारियों के आदेश पर अपर जिला सहकारी अधिकारी रमेश चंद्र कनौजिया द्वारा सील कराया गया था।और उसी समय तीनों समितियों में हुए घोटाले की जांच एडीसीओ को मिली थी और मामले की जांच रिपोर्ट में समिति के सचिव ओमप्रकाश तिवारी को दोषी करार दिया था और रायबरेली जिला सहकारी बैंक राजा फत्तेपुर के शाखा प्रबंधक की संलिप्तता जाहिर की थी उसी जांच के आधार पर बीती 21 दिसंबर को थाना मोहनगंज और थाना इन्हौना में मुकदमा दर्ज हुआ था।
बताते चलें कि इसके पूर्व जुलाई माह में पांच वर्ष पूर्व से सील पड़ी कुकहारामपुर साधन सहकारी समिति का ताला तोड़कर फूला समिति के सचिव राम नेवाज को चार्ज सौंपा गया था।सिंहपुर क्षेत्र में दस समितियों में से चार तो पांच समितियां कुकहा रामपुर, इन्हौंना,कोटवा, मत्तेपुर,राजापुर, पूरी तरह डूब चुकी हैं और किसानों का हिस्सा भी डूब चुका है। शेष पांच समितियों सातन पुरवा, गोडहरी, धीरापुर, टेढई और फूला समिति की स्थिति दयनीय ही है।
समितियों के ताला तोड़े जाने के मौके पर अपर जिला सहकारी अधिकारी रमेश चंद्र कनौजिया एवम सहायक विकास अधिकारी(सहकारिता) सुखदेव प्रसाद पटेल एवं रायबरेली जिला सहकारी बैंक शाखा सिंहपुर एवम शाखा राजा फतेहपुर तथा राजस्व विभाग के प्रतिनिधि के रूप में लेखपाल नितिन त्रिपाठी की उपस्थिति में समिति खुलवाकर चार्ज सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) सिंहपुर को दिया गया।