“अनागत काव्य संग्रह वर्तमान तो पल भर का है”का हुआ लोकार्पण
1 min readलखनऊ I
अनागत कविता आन्दोलन के प्रणेता व अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान, लखनऊ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अजय प्रसून का ६९ वां जन्म दिवस “अनागत दिवस” के रूप में मनाया गया। अलीनगर सुनहरा, कृष्णा नगर लखनऊ स्थित एस एस डी पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित अनागत काव्य गोष्ठी, सम्मान समारोह व जनपद सुलतानपुर के वरिष्ठ साहित्यकार राम दुलारे सिंह “सुजान” की नवीनतम अनागत काव्य कृति “वर्तमान तो पलभर का है” के लोकार्पण समारोह डॉ राम बहादुर मिश्र की अध्यक्षता, पण्डित बेअदब लखनवी के संयोजन व रेनु द्विवेदी के कुशल संचालन में सम्पन्न हुआ।
कवि शायर कृपा शंकर श्रीवास्तव विश्वास मुख्य अतिथि, लद्दाख बौद्ध विश्व विद्यालय के डॉ राहुल मिश्र विशिष्ट अतिथि, संजय गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान की डॉ नीमा पंत व अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पत्रकार व हिन्दी दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय नवल टाईम्स के प्रधान सम्पादक नवल किशोर त्रिपाठी रहे।
समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन एवं कविवर राजीव वर्मा वत्सल की वाणी वन्दना से हुआ। तत्पश्चात सुलतान पुर के वरिष्ठ कवि राम दुलारे सिंह सुजान की अनागत काव्य कृति “वर्तमान तो पलभर का है” का लोकार्पण मंचस्थ मनीषियों द्वारा किया गया। मंच के साथ साथ राम दुलारे सिंह सुजान को अनागत भारती सम्मान, पुलिस विभाग के निरीक्षक श्रीश चन्द दीक्षित व स्वामी रामानन्द सैनी को अनागत मार्तण्ड सम्मान, डॉ राहुल मिश्र को अनागत कविता पितृ स्मृति सम्मान व मंजू सैनी एवं रेनु वर्मा को अनागत चन्द्रिका सम्मान से अंगवस्त्र व प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कवि संजय समर्थ, आचार्य प्रेम शंकर शास्त्री बेताब, राजीव वर्मा वत्सल, राम राज भारती फतेहपुरी, पण्डित बेअदब लखनवी, रेनु द्विवेदी, श्रीश चन्द्र दीक्षित, डॉ विद्यासागर मिश्र विद्यासागर, कृपा शंकर विश्वास, शायर एल पी गुर्जर, डॉ अजय प्रसून, डॉ राहुल मिश्र, डॉ नीमा पंत, डॉ योगेश गुप्त, देवेश द्विवेदी देवेश, उमा लखनवी, पवन श्रीवास्तव, प्रतिभा गुप्ता, महेश चन्द गुप्त महेश, डॉ राम बहादुर मिश्र, रामानंद सैनी, महेश प्रकाश अष्ठाना, रवि बाबू दूबे, सतीश पाखण्डी, कृष्ण कुमार मौर्य सरल आदि काव्य पाठ में सम्मिलित हुए व समारोह को सफल बनाया। कार्यक्रम का समापन संयोजक पण्डित बेअदब लखनवी के आभार ज्ञापन से हुआ।