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हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गुरु गोविंद सिंह जी का 353 वां प्रकाश‌ पर्व

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अमेठी। सिक्खों के दसवें गुरु और‌ खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह जी का 353 वां प्रकाश‌ पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रकाश पर्व पर कीर्तन,विचार गोष्ठी और अटूट लंगर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्री गुरु गोविन्द सिंह जी लंगर समिति की ओर से प्राथमिक विद्यालय अमेठी द्वितीय में भव्यता के साथ किया गया।

श्री गुरु गोविंद सिंह जी लंगर आयोजन समिति के संस्थापक और गुरुद्वारा श्री चंद साहब चुग्गा खुर्द मोगा,पंजाब के मुख्य सेवादार बाबा मनोहर सिंह ने सुबह सुखमणि साहिब का पाठ किया, उसके बाद शब्द कीर्तन हुआ।बाबा जी ने गुरु साहब को भोग लगाए।विचार गोष्ठी के बाद लंगर का आयोजन किया गया। स्कूल में अटूट लंगर शाम तक चलता रहा । सेवादारों ने रेलवे स्टेशन पर श्री पटना साहिब जा रहे यात्रियों को भी लंगर बांटे और चाय पिलाई।

विचार गोष्ठी गुरु गोविन्द सिंह के जीवन दर्शन, शिक्षाओं और धर्म की रक्षा के लिए मुगलों सें हुई चौदह संघर्षों में गुरु गोविन्द सिंह ,माता गुजरी देवी और उनके चार साहिबजादों के बलिदान पर केन्द्रित रही। बाबा मनोहर सिंह ने अपने बचपन और सेवादार के रुप में अब तक के कामों के संस्मरण सुनाए।उन्होंने बताया कि तत्कालीन गदर पार्टी के प्रधान के गांव‌ मे मेरा जन्म हुआ।उनके नाम के साथ मेरा नाम जुड़ गया और सेवा के दौरान विदेशों में हमें खूब सम्मान मिला।

संगत हमेशा गुरुस्वरुप आती है,भूखे को भोजन देने से बडा पुण्य कार्य मेरी समझ में और‌ कोई नहीं।जिसने भी देशभक्ति के‌ लिए काम किया है,लोग उसे हमेशा याद रखते हैं। महात्मा निरंजन मिश्र ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह महान योद्धा थे।धर्म की रक्षा के लिए मुगलों से लडाई लडने के साथ उन्होंने इंसानियत का संदेश दिया।
डा धनंजय सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म और‌ संस्कृति को बचाने में सिक्ख गुरुओं का महान योगदान है। गुरु गोविन्द सिंह को पूर्ण पुरुष कहा जाता है, उनके कार्यों में शक्ति एवं भक्ति दोनों का मिश्रण मिलता है। मुगल आतताईयों से धर्म की रक्षा के लिए ही उन्होंने कृपाण धारण किया।

डा.अंगद सिंह ने कहा कि धर्म, मिट्टी और देश बचाने के लिये गुरु गोविन्द सिंह जी के परिवार ने त्याग और बलिदान की जो मिशाल पेश की वैसा दुनिया के इतिहास मे और‌ कही नहीं मिलती । हमारे पाठ्यक्रम की पुस्तकों में पूर्वजों के इतिहास को ठीक ढंग से वर्णित नहीं किया गया। अमेठी जल बिरादरी के संयोजक डॉ अर्जुन पांडेय ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी मानवता की रक्षा के लिए सदैव याद किए जाएंगे। सेवादार संजीव भारती ने कहा कि गुरु साहब का बलिदान हमें कठिन परिस्थितियों मे भी सेवा धर्म निभाने और‌ मानवता की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व देने को प्रेरित करता है।

प्रधान संघ के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे।सचिव सदाशिव पांडेय ने कहा कि गुरु साहब की शिक्षाओं और‌ धर्म की रक्षा के लिए उनके बलिदान का उल्लेख शब्दों में सम्भव नहीं।परमात्मा निर्गुण है और सारे प्राणियों में व्याप्त है।वरिष्ठ पत्रकार और सेवादार अम्बरीष मिश्र ने मुगलों के साथ लडी़ गई जंगो का उल्लेख किया और‌ कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी का जीवन दर्शन जनसामान्य को अन्याय के प्रतिकार और‌ इंसानियत की रक्षा के लिये हमेशा प्रकाश देने का काम करता है।

संगोष्ठी को मीरा गुप्ता, श्रीनाथ शुक्ला,पवन वर्मा आदि ने संबोधित किया।विचार गोष्ठी को अम्बिका प्रसाद त्रिपाठी, श्री नाथ शुक्ला, राम फल फौजी, राम अभिलाष बौद्ध, हरवंश सिंह, जी जी आई सी की प्रिंसिपल डा. फूलकली गुप्ता आदि ने सम्बोधित किया।विधायक प्रतिनिधि अरुण प्रजापति, अजय कुमार तिवारी, राकेश पांडेय, रवि प्रताप,ललित कुमार, हौसिला प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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