दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
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बलरामपुर। एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर सभागार में भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने रीसेंट एडवांसेज इन मल्टीफंक्शनल मटेरियल्स विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
शनिवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य अतिथि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर के कुलपति प्रो0 हरि बहादुर श्रीवास्तव ,कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 प्रभाकर सिंह,सचिव प्रबंध समिति लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता,प्रो0 बी सी यादव,प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय संयोजक प्रो0 अरविंद द्विवेदी व आयोजन सचिव डॉ आलोक शुक्ल ने दीप प्रज्वलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। इसके बाद महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। सेमिनार के मुख्य अतिथि कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 हरि बहादुर श्रीवास्तव ने महाविद्यालय में ऐसे आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व होता है कि यह महाविद्यालय हमारे विश्वविद्यालय का अंग है। ऐसे आयोजन युवा वैज्ञानिकों के साथ साथ शोध छात्रों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होता है। कार्यक्रम अध्यक्ष आई आई टी बनारस के प्रो0 प्रभाकर सिंह ने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि महाविद्यालय आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के भी सेमिनार का आयोजन करेगी। सेमिनार सरंक्षक व सचिव प्रबंध समिति लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता ने भौतिकी विभाग सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए शोध को बढ़ावा देने पर बल दिया।डॉ भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो0 बालचंद्र यादव ने कीनोट एड्रेस दिया। सेमिनार के अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पाण्डेय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के उपलब्धियों की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की। संयोजक व विभागाध्यक्ष भौतिकी प्रो0 अरविंद द्विवेदी ने सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो0 पी के सिंह, मंजीता यादव ,डॉ हेमा व कमलेश चौरसिया ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने किया। कार्यक्रम के दौरान सोविनियर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक,शोध छात्र सहित देश के लगभग 10 राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।