बीस वर्ष पूरे होने के बाद भी नहीं पूरा हुआ अमेठी जिले का मूलभूत ढांचा
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अमेठी।
विरोध,उठापटक और तमाम तरह के राजनीतिक व्यवधानों को झेलते हुए बचपन गुजारने वाले अमेठी जनपद आज 11दिसम्बर को बीस वर्ष की आयु पूरी कर लेगा।पिछले दो दशक में जिले के विकास को लेकर अरबों रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद संसाधनों की कमी दूर नहीं हुई है।अभी भी ढांचागत सुविधाएं पूरी नही हो पाई हैं।जिले के एक दर्जन से अधिक दफ्तर किराए के मकान में चल रहे हैं। ढांचागत सुविधाओं के विस्तार के मामले में परिवहन विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग सबसे कमजोर है।
अमेठी जिले का जन्म 11दिसम्बर2002 को हुआ था।नगर अमेठी स्थित बाबा साहब डा अम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा के नीचे लिखी तारीख देख सहसा ही बीते दिनों की याद आ जाती है।पुन्नपुर के दलित राम भजन कोरी के उत्पीड़न के विरुद्ध प्रियंका गांधी की गांधी गीरी के खिलाफ काउंटर एक्शन के रुप में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अमेठी संसदीय क्षेत्र को जिला बनाया था।भारत में आरक्षण व्यवस्था के जनक छत्रपति शाहू जी महाराज के नाम से बने जिले के नाम परिवर्तन को लेकर लम्बे समय तक आन्दोलन हुआ।सपा की सरकार ने जिले को खत्म कर दिया।जिला बचाओ संघर्ष समिति की अदालती लडाई में विजय के बाद 2010में पुनः अस्तित्व में आए अमेठी जनपद ने पिछले एक दशक में प्रगति के तमाम कीर्तिमान तय किए हैं,फिर भी दुश्वारियां कम नही हुई हैं।सलोन तहसील रायबरेली जिले में शामिल किए जाने के बाद जिले का क्षेत्रफल और स्वरूप घट गया है।तिलोई को भी रायबरेली में वापस लौटाने और अमेठी विधान सभा के आसल क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों को सुलतानपुर में शामिल करने की मांग के साथ आन्दोलन अभी भी जारी है।जब भी कोई चुनाव नजदीक आता है,दोनों मांगे जोर पकड लेती है।
विकास योजनाओं के क्रियान्वयन मे पैतृक जिलों को पीछे छोडा़
पिछले एक साल के भीतर जिले में डी एम आवास,मेडिकल कालेज, ट्रामा सेन्टर, कृषि विज्ञान केन्द्र जैसी कई बडी सुविधाएं हासिल हुई है।जिला जेल के निर्माण के लिए बजट आवंटन हो चुका है।पुलिस लाइन का निर्माण भी नये साल में शुरु होने की संभावना है।प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन में जिले को सूबे में पहली रैंक मिली है।मुख्यमंत्री आवास योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना जैसी तमाम योजनाओं में अमेठी की प्रगति सुलतानपुर और रायबरेली के मुकाबले बीस है।इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं तेजी से बड रही है।इंड्रस्ट्रियल एरिया त्रिसुंडी इस वर्ष रोजगार के नये हब के रुप में विकसित हुआ है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओ में सबसे कमजोर है बेसिक शिक्षा विभाग
ढांचागत सुविधाओ के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग सबसे कमजोर है।बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास अपना कार्यालय भवन नही है।अमेठी में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान का भवन निर्माणाधीन है। जिला मुख्यालय पर बस डिपो नही है।बसें सडक पर खडी होती हैं। जिले के सभी मार्गो पर बसों का संचालन नही हो पा रहा है।
टूट गया कांग्रेस का किला
विश्व राजनीतिक पटल पर हमेशा चर्चा में रहे अमेठी जिले की पहचान बदल रही है।पिछले एक दशक के भीतर यहां की जनता ने गांधी परिवार को जनसेवा का हक छीन लिया है।अमेठी अब कांग्रेस और गांधी परिवार का अभेद्य दुर्ग नहीं रहा।।स्मृति ईरानी ने यहां भाजपा का परचम लहराकर अमेठी की पुरानी पहचान को बदल दिया है।गुटबाजी और अंतर्विरोधों से जूझ रही कांग्रेस स्मृति के सामने कमर नही सीधी कर पा रही है।
रिपोर्ट– वीरेन्द्र यादव