संत समाज के गौरव थे स्वामी गीतानंद भिक्षु: महाराज
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वृन्दावन।गांधी मार्ग स्थित श्रीगीता आश्रम में मुमुक्ष मंडल के तत्वावधान में प्रख्यात संत व श्रीमद्भगवद गीता के प्रकांड विद्वान स्वामी गीतानंद भिक्षु: महाराज का 18 वां तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर स्वामी गीतानंद भिक्षु: महाराज के प्रमुख अनुयायी डॉ. स्वामी अवशेषानंद महाराज व संत प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि गीता आश्रम के संस्थापक स्वामी गीतानंद महाराज संत समाज के गौरव थे। उनकी संत सेवा व विप्र सेवा अद्युतीय थी।उन जैसी पुण्यात्मायें पृथ्वी पर कभी-कभार ही अवतरित होती हैं।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. कमलकांत उपमन्यु व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि स्वामी गीतानंद महाराज ने स्वतंत्रता संग्राम में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया था।वह परम भजनानंदी व परम समाजसेवी संत थे।
मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के उप-सभापति पंडित राधाकृष्ण पाठक व पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि यों तो इस संसार में प्रतिदिन असंख्य व्यक्ति जन्म लेते हैं और असंख्य व्यक्ति यहां से विदा होते हैं परन्तु याद केवल और केवल स्वामी गीतानंद महाराज जैसी विभूतियों को ही किया जाता है, जिन्होंने कि लोक कल्याण के अनेकानेक कार्य किए हुए होते हैं।
महोत्सव में भागवताचार्य मारुतिनंदन वागीश, डॉ. अनूप शर्मा, देवेंद्र शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा,श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, धर्मरत्न बलरामाचार्य महाराज, साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, भागवताचार्य आशा शास्त्री, पंडित रमेशचंद्र विधिशास्त्री, पंडित जगदीश नीलम,संजय शर्मा, राजकुमार पालीवाल, संत रासबिहारी दास महाराज, डॉ. प्रह्लाद सिंह, ईश्वरचंद्र रावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन पंडित राधाकृष्ण पाठक ने किया।संयोजक डॉ. स्वामी अवशेषानंद महाराज ने सभी आगंतुकों का उपहार,प्रसाद व दक्षिणा आदि देकर स्वागत किया।कार्यक्रम के अंतर्गत 5 हजार से भी अधिक संतों व निर्धनों को ऊनी वस्त्र व खाद्यान्न सामग्री वितरित की गई।