संविधान की रक्षा हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी -डॉ अर्जुन पाण्डेय
1 min readअमेठी I नेहरू युवा केंद्र अमेठी की ओर से श्री शिव प्रताप इंटर कालेज के सभागार में संविधान दिवस के अवसर पर ‘भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार और कर्तव्य’ विषय पर खुली परिचर्चा एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण के साथ हुआ।
उपनिदेशक डॉ आराधना राज ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय संविधान तीन प्रमुख अंगों में विधायिका (संसद) कार्यपालिका (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद) न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय) शामिल हैं, जिसमें मौलिक अधिकारों, नीति निर्देशक तत्वों एवं लोक कल्याणकारी नीतियों का समावेश है। वर्तमान में संशोधनों के उपरांत 448 अनुच्छेद,12अनुसूची तथा 25 भागों में विभाजित संविधान है। संविधान की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है।
मुख्य अतिथि डॉ अर्जुन पाण्डेय ने भारतीय संविधान पर प्रकाश डालते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान कानूनों का एक महत्वपूर्ण लिखित दस्तावेज है, जिससे देश का शासन चलता है। प्रेम विहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखित देश के चुने हुए 284 लोगों के हस्ताक्षर से निर्मित संविधान की मूल प्रति ग्वालियर के महाराजा बाड़ा की सेंट्रल लाइब्रेरी में सुरक्षित है। यद्यपि देश का सर्वोच्च विधान 26नवम्बर1949 को जरूर तैयार हो गया फिर भी पूर्ण स्वतंत्रता 26जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस पर मिली। दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान पर हमें गर्व है।