राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा हुए निकुंज लीला प्रविष्ट
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वृन्दावन।राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रख्यात रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा का 92 वर्ष की आयु में आज 26 नवम्बर को अपरान्ह 3:25 बजे निकुंज गमन हो गया है।वह पिछले कई माह से अस्वस्थ्य चल रहे थे।उनके ज्येष्ठ सुपुत्र रासाचार्य स्वामी कुंजबिहारी शर्मा ने बताया है कि उनकी अंतिम यात्रा उनके दुसायत क्षेत्र स्थित निज निवास से प्रातः 9 बजे हरिनाम संकीर्तन के साथ यमुना पुलिन मोक्ष धाम के लिए जाएगी। ज्ञात हो कि 92 वर्षीय वयोवृद्ध रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा रासलीला जगत के प्रमुख स्तम्भ थे।उन्होंने इस कला का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की।उन्हें रासलीला,रामलीला, गौरांग लीला व भक्त चरित्रों आदि के मंचन में महारथ हासिल था।जिसके लिए उन्हें देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा कई वर्षों पूर्व राष्ट्रपति पुरूस्कार भी प्रदान किया गया था। उनके निकुंज गमन पर ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,महंत लाड़िली शरण महाराज, संगीताचार्य देवकीनंदन शर्मा, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, डॉ. राधाकांत शर्मा,इंजीनियर ब्रजेश चंद्र मिश्रा,पूर्व प्राचार्य शिवकुमार गोयल, डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, भागवताचार्य पंडित रामनिवास शुक्ल आदि ने शोक व्यक्त कर यह कहा है कि रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा के निकुंज गमन से रासलीला जगत की अपूर्णनीय क्षति हुई है।