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शरीर में इन्सूलिन बनना बंद होने पर खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है- डॉ सौरभ सिंह

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सौरभ सिंह ने बताया कि डायबिटीज किसी वायरस या बैक्टेरिया के कारण नहीं होता है। मनुष्य ऊर्जा के लिये भोजन करता है यह भोजन स्टार्च में बदलता है फिर स्टार्च ग्लूकोज में बदलता है। जिन्हे सभी कोशिकाओं में पहुॅचाया जाता है। जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। ग्लूकोज को अन्य कोशिकाओं तक पहुॅचाने का काम इन्सुलिन का होता है और डायबिटिक रोगी के शरीर में इन्सूलिन बनना बंद अथवा कम हो जाता है जिससे शरीर के खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है सामान्य स्वस्थ्य व्यक्ति के खाली पेट ग्लूकोज की मात्रा mg/dL70-100 mg/dL रहता है। खाने के डेढ़ से 2 घंटे के बाद यह मात्रा mg/dL 120-140 mg/dL हो जाता है। सीएससी प्रभारी अमेठी डा सौरभ सिंह ने बताया कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है, डायबिटीज 1 में  रोगी के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम बनती है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है, पर खत्म नहीं किया जा सकता है इसमें रोगी को इन्सुलिन इन्जेक्शन के द्वारा दिया जाता है यह बच्चो और 19 साल तक के युवाओं को हो सकता है। डायबिटीज 2 में – रोगी का शरीर शरीर इन्सुलिन का पूर्णतः इस्तेमाल नहीं कर पाता है। इसको योग, परहेज, दवाइयों तथा उचित खान-पान के जरिये नियंत्रित किया जा सकता है। यह व्यस्को में होता है। डायबिटीज के रोगी के शरीर में शुगर की मात्रा को संतुलित रखना आवश्यक होता है क्यों कि कम तथा अधिक दोनो ही स्थिति में रोगी के लिये प्राण घातक हो सकता है।

डायबिटीज होने के कारण –
अनुवांशिक, इन्सुलिन की कमी या इन्सुलिन रिसेप्टर रजिस्टेंश ( इसे हिंदी में लिखें ), सही खान पान का न होना, तनाव, शारीरिक काम की कमी, ड्रग्स, स्मोक करना।

लक्षणः- अत्यधिक भूख लगाना, प्यास ज्यादा लगना, पेशाब ज्यादा लगना, किसी घाव को भरने में बहुत अधिक समय लगना, शरीर के कुछ भागों का सुन्न होना, आँखो से कम दिखना, जल्दी थकान होना, किसी भी चीज का जल्दी इन्फेक्शन होना, पैरों में दर्द, कमजोरी।

ध्यान रखने योग्य बातें –
पर्याप्त 6-7 घंटे की नींद लें।
मॉर्निग वाक ( हिन्दी में लिखें ) एवं योग को दिनचर्या मे शामिल करें।
दवाओं को नियमित ले और डाक्टर की सलाह को माने।
संतुलित आहार डाक्टर की सलाह लें।
उचित समय अंतराल में डाक्टर की सलाह से जॉच करायें।
डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है परन्तु खत्म नहीं
तनाव से बचें।
अगर डायबिटीज को कंट्रोल न किया जाय तो ये हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फ्लय्योर या अंधापन का खतरा बढ़ जाता है

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