Assault : पूर्व कैबिनेट मंत्री पर जेल में हमला… राजनीतिक गलियारे में मचा हड़कंप !
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विशेष रिपोर्ट – लोकदस्तक संवाददाता
लखनऊ/अमेठी (उप्र )।
पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जेल में हुए जानलेवा हमले की घटना प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में है। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और राष्ट्रीय महामंत्री डॉ नूतन ठाकुर ने राज्यपाल को पत्र देकर श्री प्रजापति पर हुए हमले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कानून व्यवस्था के मामले में प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है और कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। सूबे में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग के बीच खासी लोकप्रियता है।
एक मामले में जेल में होने के बाद भी उनके शुभचिंतकों की कमी नहीं है।लोग उनसे मिलने के लिए बराबर अस्पताल और जेल में मिलने के लिए जाते रहे हैं।अमेठी में पिछले तीन चार महीनों से उनको कोर्ट से जमानत मिलने और पंचायत चुनाव के पहले जेल से बाहर आने की चर्चाएं चल रही थी,इस बीच कल जेल में उनके ऊपर हुए जानलेवा हमले की खबर से पूर्व मंत्री के समर्थकों के बीच चिंता और दुःख का माहौल है।
जेल में हमले की जानकारी मिलते ही प्रजापति परिवार के लोग और तमाम कार्यकर्ता मंगलवार की देर रात लखनऊ रवाना हो गए।पूर्व मंत्री को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
अमिताभ ठाकुर ने हाई कोर्ट के जज से घटना की जांच की मांग की
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और डॉ नूतन ठाकुर ने प्रदेश राज्यपाल को पत्र लिखकर मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है। डा अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि अपने सात महीने के जेल के अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि इस मामले में उच्च स्तरीय राजनीतिक षड्यंत्र से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ट्रामा सेंटर में बाहर के लोगों से मिलने की मनाही
पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को ट्रामा सेंटर लखनऊ में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कडा पहरा है। परिवार के लोगों के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति को मिलने नहीं दिया जा रहा है।
लखनऊ जिला जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर मंगलवार की शाम एक बंदी ने हमला कर दिया। बंदी ने लोहे की रॉड से गायत्री प्रजापति का सिर फोड़ दिया। जेल के चिकित्सक ने छह टांके लगाते हुए प्राथमिक उपचार किया।
अखिलेश यादव ने की न्यायिक जाँच की मांग
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि भूतपूर्व विधायक व उप्र सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर जेल में हुए जानलेवा हमले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो। यूपी में कहीं भी, कोई भी सुरक्षित नहीं है!
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर हुए हमले के बाद उनके परिवार ने बुधवार को उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। साथ ही परिवार ने हमले को एक साजिश का हिस्सा बताया है।
अस्पताल से निकलते समय प्रजापति ने बताया कि उन पर एक सजायाफ्ता कैदी विश्वास ने चाकू से हमला किया। उनकी बेटी अंकिता प्रजापति ने कहा कि उनके पिता पिछले आठ वर्षों से एक ऐसे अपराध (सामूहिक दुष्कर्म) के लिए जेल में हैं जो उन्होंने कभी किया ही नहीं।
आरोपी (महिला) का मेडिकल नहीं कराया गया और पिता को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। हमारी बात नहीं सुनी गई। हमने मुख्यमंत्री से मिलने और मदद करने का अनुरोध किया। मेरे पिता निर्दोष हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता की जान को खतरा है और जेल में उनकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
अमेठी से सपा विधायक और गायत्री की पत्नी महाराजी प्रजापति ने कहा कि जेल में जो कुछ भी हुआ वह एक साजिश थी। उन्होंने कहा कि जब सुई भी अंदर नहीं पहुंच सकती, तो चाकू जेल में कैसे पहुंच गया? मैं सरकार से अपने पति के साथ न्याय की मांग करती हूं।
पुलिस ने बताया कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे प्रजापति पर एक साथी कैदी ने हमला कर दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि झगड़े के दौरान कैदी ने कथित तौर पर प्रजापति पर अलमारी की एक स्लाइडिंग हिस्से से प्रहार किया, जिससे उन्हें चोट आई।
बोले जिम्मेदार अधिकारी
जेल अस्पताल में भर्ती गायत्री प्रजापति की एक सफाई करने वाले बंदी से कहासुनी हुई। इससे नाराज होकर विश्वास नाम के बंदी ने उनके सिर पर रॉड मारी थी। सिर में मामूली चोट आई है। कोई खतरे की बात नहीं है। ऐहतियात के तौर पर उन्हें ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सकों को भी दिखाया गया।
– राजेंद्र कुमार जायसवाल
वरिष्ठ जेल अधीक्षक, लखनऊ