Accident : सुल्तानपुर हादसा… निर्माणाधीन मकान की छत गिरी, 3 की मौत
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रिपोर्ट – लोकदस्तक संवाददाता
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।
सुल्तानपुर के लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के सोमवार की रात धरियामऊ गांव में बड़ा हादसा हो गया। निर्माणाधीन मकान की छत अचानक ढहने से दो सगे मजदूर भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई।
घटी घटना का विवरण
घटना से मिली जानकारी के अनुसार राम तीर्थ धुरिया का गांव में मकान है, जो मुंबई में रहते हैं। उन्होंने मकान निर्माण का ठेका राम मिलन वर्मा को दे रखा था। सोमवार को उनके मकान में छत डाली गई। करीब रात 8 बजे के आसपास जब कार्य पूरा होने के बाद मिक्चर मशीन खोली जा रही थी कि तभी छत की शटरिंग एकाएक खुल गई और छत भरभरा कर गिर पड़ी। बताया जा रहा है कि छत पर जहां पांच मजदूर शामिल थे वही मिक्चर मशीन के पास एक दर्जन मजदूर खडे थे।
घटना में छत पर खड़े तीन मजदूर घायल हुए। इनमें सुभाष पुत्र बैताली (36वर्ष), अफसर अली पुत्र समी उल्ला (40वर्ष), निवासी सकरा प्रतापगढ़, रवि सरोज पुत्र महेंद्र सरोज (26वर्ष) को तत्काल सीएचसी लाया गया। यहां से गंभीर हालत में रवि को राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम लंभुआ गामिनी सिंगला, एसएचओ लंभुआ संदीप राय, एसएचओ चांदा एके सिंह व शिवगढ़ एसओ ज्ञानेश दुबे, एसओ कोतवाली देहात अखंड देव मिश्रा मौके पर पहुंचे।
घटनास्थल पर पहुंचे आलाधिकारी
कुछ ही समय में डीएम कुमार हर्ष, एसपी कुंवर अनुपम सिंह, एएसपी अखंड प्रताप सिंह आदि मौके पर पहुंचे। कुछ समय में अमेठी और प्रतापगढ़ के भी कई थानो की फोर्स मौके पर पहुंच गई। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद एक मजदूर अरुण चौहान पुत्र काशी राम (25 वर्ष) निवासी सूर्यभान पट्टी लंभुआ को मलबे से निकाल कर रात 10:45 पर लंभुआ सीएचसी पहुंचाया गया है।
इसी दौरान अयोध्या से पहुंची एसडीआरएफ टीम ने रात 12:30 बजे मजदूर आनंद (23वर्ष) पुत्र गिरिजा शंकर निवासी अर्जुनपुर लंभुआ, इसके कुछ ही समय बाद उसके भाई विक्रम (20वर्ष) का शव भी मलबे से बाहर निकाला।
हिमांशु पुत्र हरि चरन सरोज उम्र 22 अर्जुनपुर का शव मलबे से निकाला गया।स्थानीय लोगों के अनुसार शव घटनास्थल पर मसाले के चलते जम गया था, जिसे काफी जद्दोजहद के बाद निकाला जा सका है।मौके पर मौजूद मजदूर आशीष ने बताया कि 7-8 आदमी दबे थे। पांच आदमी पहले निकाले गए।
चार सीएचसी भेजे गए जिनमे से दो हायर सेंटर भेजे गए जबकि एक डायरेक्ट मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। वही मजदूर अफसर अली ने बताया कि मशीन खोलने जा रहे थे कि अचानक छत बैठ गई। नीचे हमारी टीम के 12 आदमी थे और शटरिंग वाले चार-पांच आदमी थे। पांच लोग तो ऊपर छत पर ही थे। नीचे कितने थे पता नहीं है।