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दशहरा पर्व: बुराई पर अच्छाई की जीत

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मेरठ। देश भर में पूरे हर्षोल्लास के साथ दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया I मेरठ में भी विजय दशमी का पर्व शहर में धूमधाम से मनाया गया। जिले के विभिन्न स्थानों पर हुई रामलीला में राम ने बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को आग के हवाले कर बुराई का अंत किया। दशहरा पर्व के मौके पर लगे मेलों में लोगों ने बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया। बुधवार को सुबह से ही लोगों पर दशहरे की खुमारी चढ़ी थी। लोगों ने विजय दशमी पर्व पर घरों में विशेष पूजा अर्चना की। बाद में युवाओं व बच्चों की टोलियों ने अपने-अपने मोहल्लों में रावण के पुतले बनाकर दहन कर विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया।

रामलीला मंचन में श्रीराम व रावण सेना के बीच हुआ युद्ध 

शाम को रामलीला मैदान पर भी दशहरे पर भव्य व रंगारंग कार्यक्रम पेश किए गए। इस दौरान श्रीराम व रावण सेना के बीच मनोहारी युद्ध का भी मंचन किया गया, जिसमें श्रीराम की सेना ने रावण सेना को धूल चटाते हुए विजय प्राप्त की। श्रीराम व रावण के बीच युद्ध के दौरान उपस्थित लोगों ने जमकर जय श्रीराम, जय श्रीराम के नारे लगाए। कार्यक्रम में मन मोहक आतिशबाजी भी की गयी। विजयी दशमी पर होने वाली आतिशबाजी को देखने के लिए दूर दराज से हजारों की संख्या में लोग रामलीला मैदान पहुंचे। बाद में रावण व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया।
रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ का विशालकाय पुतला 
कैंट में विजय दशमी पर छावनी रामलीला कमेटी द्वारा भैंसाली मैदान में मेले का आयोजन किया गया। यहां पर 120 फीट का रावण, 100 फीट का कुंभकरण और 100 फीट का मेघनाथ का पुतला तैयार किया गया। रात्रि 10:15 बजे रावण दहन किया गया। रंग-बिरंगी लाइटों से मैदान को सजाया गया। दूर-दराज से लोग मेला देखने के लिए आए। राम-रावण युद्घ का मंचीय प्रदर्शन किया। जिसमें राम ने रावण पर तीरों से प्रहार किया, लेकिन वह मरने के बाद बार-बार उठ जाता। बाद में विभिषण ने प्रभु राम को बताया कि रावण के नाभिक में जो अमृत कलश है, उसमें तीर मारने से ही रावण की मृत्यु निश्चित है। उसके बाद ही प्रभु राम ने रावण की नाभिक पर तीर से प्रहार किया, जिसके बाद रावण की मृत्यु हो गई। उसके बाद ही रावण के पुतले को दहन किया गया। सच्चाई की जीत पर लोगों ने झूमते हुए जश्न मनाया। इस बार भैंसाली ग्राउंड की रामलीला आकर्षण का केंद्र रही। रावण चार घोड़ों के रथ पर सवार होकर आया और भगवान श्रीराम से युद्ध किया। रावण की आंखों से अंगारे बरसे। साउंड और लाइटों से सजी इस रामलीला में दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। विशेष आकर्षण का केंद्र आतिशबाजी रही। रजबन में 10:30 बजे रावण दहन हुआ। रावण 80 फीट, कुंभकर्ण 60 फीट तो मेघनाथ 55 फीट का पुतला दहन किया गया। रजबन की रामलीला में खास बात यह रही कि रावण के मुंह और आंख से चिंगारी निकली। आंखे पूरी तरह से लाल और भयानक दिखी। कैंट के तोपखाना मैदान में रामलीला का आयोजन किया गया। यहां पर रावण का पुतला 90 फीट, कुंभकरण 70 और मेघनाथ का पुतला 50 फीट था। इस अवसर पर मैदान में लगे मेले में दूर दराज से काफी लोग आए। मैदान में कलाकार बने हनुमान, भगवान राम और सीता की पूजा-अर्चना की गई। रामलीला में राम ने रावण की नाभिक में तीर मारकर वध किया। इस दौरान लोगों ने भगवान श्रीराम के जयकारे लगाए तो प्रांगण गूंज उठा।
दिल्ली रोड स्थित रामलीला ग्राउंड में रावण 90 फीट का रहा और दहन रात्रि 9:30 बजे किया गया। खास बात यह रही कि यहां सिर्फ अकेले रावण का पुतला फूंका जाता है। रावण के पेट की चकरी घूमती रही। आतिशबाजी का नजारा भी आकर्षण का केंद्र रहा। पुराना के ब्लॉक शास्त्रीनगर में 60 फीट का रावण रहा, दहन 9:30 बजे किया गया। खास बात यह रही कि रावण के हाथ में तलवार रही और आंखों से चिंगारी निकली। यहां मेला भी लगाया गया और काफी भीड़ रही। कंकरखेड़ा मार्शल पिच में रावण 90 फीट, कुंभकर्ण 80 फीट, मेघनाथ 75 फीट का रहा। 9:30 बजे दहन हुआ। जेल चुंगी मैदान में 70 फीट का रावण रहा। साढ़े 10 बजे दहन किया गया। सूरजकुंड मैदान में 9:30 दहन हुआ। 100 फीट का रावण, 75 फीट का कुंभकर्ण और 60 फीट का मेघनाथ के पुतले बनाए गए। खास बात यहां ये रही कि रिमोट से दहन किया गया। आतिशबाजी भी देखने लायक रही I वहीं कसेरूखेड़ा में लगे मेले में सैनी, नंगलाशेखू, इंचौली, अम्हेड़ा, बक्सर, गंगानगर आदि क्षेत्रों से लोग आए। प्रांगण को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। यहां पर रावण का पुतला 80 फीट और कुंभकरण का 70 फीट और मेघनाथ का पुतला 60 फीट को देखने को मिला। यहां पर रावण की आंखें लाइट से जगमगा रही थी और गर्दन घूमती हुई दिखाई दे रही थी। राम और रावण के बीच युद्घ हुआ। युद्घ में राम की सेना ने राक्षसों का वध किया। वहीं भगवान श्रीराम और रावण के बीच काफी देर तक युद्घ हुआ। अंत में श्रीराम ने रावण के नाभिक में तीर मारकर वध किया। उसके बाद ही आग से चला हुआ तीर मारकर रावण का पुतला दहन किया। इस दौरान प्रभु श्रीराम के जयकारों से प्रांगण गूंज उठा।

दशहरा मेले में जमकर हुई खरीदारी 

परिवार के साथ लोग मेला देखने के लिए आए। मेले में बड़ी-बड़ी दुकानें और झूले लगाए गए। बच्चों ने झूलों का लुत्फ उठाया। वहीं लोगों ने दुकानों पर खूब खरीदारी की। दुकानों पर खरीददारी के लोगों की भीड़ लगी रही। महिलाओं ने ज्वैलरी और गिफ्टों की खूब खरीददारी की।आज भी जलेबी मेले की शान बनी हुई है। मेले में जलेबी के लिए अलग-अलग से दुकानें लगाई गई। जलेबी के लिए दुकानों पर लोगों की लंबी लाइन देखने को मिली। मेले में जलेबी अधिक रेट पर बिकती हुई दिखाई दी। जलेबी के लिए दुकानों पर काफी भीड़ लगी रही। दुकानों पर जलेबी 200 से 300 रुपये किलो तक बिकती हुई दिखाई दी। दुकानों पर जलेबी के लिए मारामारी रही। दूर-दराज से आए लोगों ने जलेबी का लुत्फ उठाया

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