POLITICLE NEWS : उत्तर प्रदेश को मधुशाला नहीं, पाठशाला चाहिए – संजय सिंह
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REPORT BY LOK REPORTER
LUCKNOW NEWS ।
प्रदेश सरकार के 27,000 सरकारी स्कूल बंद करने और 27,308 शराब की दुकान खोलने के फैसले के खिलाफ गुरुवार को आप यूपी प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह अमरोहा और संभल जनपद पहुंचे।
पार्टी की स्कूल बचाओ मुहिम के तहत उन्होंने प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर – हुमायूंपुर से प्राथमिक विद्यालय रजबपुर विकास खण्ड जोया तक विरोध प्रदर्शन करते हुए गांव के बच्चों और अभिभावक के साथ पैदल मार्च किया। संजय सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों का स्कूल 1 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए और बच्चों को स्कूल में हर मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए।
लेकिन सरकार न केवल बाबा साहब के संविधान की धज्जियां उड़ा रही है बल्कि बच्चों का स्कूल दूर करके उन्हें अनपढ़ बनाने का काम कर रही है। संजय सिंह ने सवाल किया कि योगी सरकार में नेता जज और आईएएस अधिकारी तो अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ा रहे हैं और और देश के गरीब दलित और वंचित समाज के बच्चों के स्कूल खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं सरकार से क्या ऐसी कमरों में बैठे आईएएस, नेता और जजों के बच्चे इतनी दूर पैदल स्कूल चलकर जाएंगे।
एक अभिभावक ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि हम बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों को स्कूल भेज पाते हैं ताकि वह कुछ पढ़ सके, कुछ बन सके, लेकिन स्कूल अब इतनी दूर हो गया है की अब भेज पाना संभव नहीं है। सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों की स्कूलों से दूरी बढ़ाकर उन्हें अनपढ़ रखना चाहती है।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। माध्यमिक में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं है। मतलब सरकार मानती है कि करीब दो लाख शिक्षक नहीं है, लेकिन फिर भी उनकी भर्ती की कोई ठोस योजना नहीं चलाई गई।
संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है, यह सरकार नहीं चाहती की गरीब, दलित और वंचित वर्ग का बच्चा पढ़ लिख कर आगे बढ़ जाए। इसलिए शिक्षा को पूरी तरीके से तबाह किया जा रहा है। स्कूलों को या तो मर्ज किया गया है या उन्हें खस्ताहाल ही छोड़ दिया गया है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ शुरू किया है। हम ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ के नारे के साथ यह आंदोलन तब तक चलाएंगे, जब तक प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षक, स्कूल और शिक्षा का अधिकार नहीं मिल जाता।
संजय सिंह ने आगे कहा कि सरकार का यह फैसला न सिर्फ संविधान के खिलाफ है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों पर भी चोट है। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को संसद में भी उठाऊंगा, सुप्रीम कोर्ट में बच्चों के स्कूल बचाने के लिए याचिका दाखिल करूंगा और सड़क पर उनके साथ मिलकर लड़ाई लडूंगा।