बुजुर्गों का सम्मान नही करने वालों ने ही खत्म की पुरानी पेंशन- अब्दुल रसीद
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अमेठी। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर शनिवार को नगर डीह की बाग में सेवानिवृत्त शिक्षक, कर्मचारी, सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अटेवा की ओर से आयोजित समारोह में ब ईओ शिवकुमार यादव, डा संतोष कुमार यादव, हरिओम तिवारी और पूर्व मा0शि0संघ के जिला अध्यक्ष अब्दुल रसीद ने सेवानिवृत्त वृद्ध जनों को डा राम आशीष सिंह स्मृति सम्मान प्रदान किया। समारोह मे एन पी एस और ओ पी एस शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए निर्णायक संघर्ष छेडने का आह्वान किया। पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार से शासनादेश जारी करने की मांग की।केन्द्र सरकार को अल्टीमेटम दिया कि यदि सरकार ओ पी एस को बहाल नही करती तो शिक्षक और कर्मचारी मिलकर देश की राजनीति को बदल देंगे। अटेवा और पूर्व मा0शि0संघ के कई नेताओं ने निजीकरण की नीति को देश को आर्थिक गुलाम बनाने का माध्यम बताया और भविष्य की राजनीति में पुरानी पेंशन के मुद्दे पर मतदान की तैयारी करने की अपील की। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद रामाशीष सिंह के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
अटेवा के जिला संयोजक मंजीत यादव,कोषाध्यक्ष देवांशु सिंह, सुनील मौर्य, उमेश त्रिपाठी, सुमन सिंह ,कपिलेश यादव,प्रवीण सिंह और राघवेंद्र सिंह ने समारोह में आए वृद्ध जनों,शिक्षकों और कर्मचारियों का स्वागत सम्मान किया। मंजीत यादव ने कहा कि अटेवा कोई संगठन नहीं एक मिशन है जो राष्ट्र को बचाने ,निजीकरण की नीतियों को समाप्त करने और सरकारी संस्थाओं को बचाने का आन्दोलन है।चार राज्यों मे हमारी जीत हो गई है।आने वाले समय मे हम शिक्षक कर्मचारी सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मजबूर कर देंगे।
पूर्व मा0शि0संघ के जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने पेंशन आन्दोलन को धोखा देने वाले शिक्षक और कर्मचारी नेताओं और संगठनों को आगे हाथों लिया और कहा कि पुरानी पेंशन की लडाई अटेवा के नेतृत्व में ही जीती जाएगी। बी ई ओ हरिओम तिवारी ने कहा कि नयी पेंशन पेंशन नही धोखा है।पुरानी पेंशन बहुत अच्छी है,तभी माननीय लोग इसे नही छोड रहे। राजनेताओं की सोच और समझ बदल जाय तो पुरानी पेंशन मिल सकती है।शिक्षक और कर्मचारी संगठन एक जुटता से लडाई लडते रहें,सरकार का दिमाग बदल जाएगा। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल रसीद ने कहा है कि 2005में उन्होंने हमारी पुरानी पेंशन को खत्म किया जो बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते। चीन,पाकिस्तान के युद्ध के समय पुरानी पेंशन नहीं खत्म हुई। देश मे सूखा ,बाढ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय भी सरकार ने पेंशन नहीं खत्म की।जब भारत आर्थिक रूप से समृद्ध और हाईटेक हो गया तो सरकार ने पेंशन समाप्त कर दी।
एन पी एस लाने और ओ पी एस खत्म करने के पीछे देश को आर्थिक गुलाम बनाने की गहरी साजिश है।संघर्ष लम्बा जरूर हो सकता है,एक न एक दिन पुरानी पेंशन जरूर बहाल होगी।
अयोध्या नगर मे आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षकों को सावधान किया और कहा कि देश,विभाग, भविष्य और पेंशन बचाने के लिए सभी शिक्षक ईमानदारी और निष्ठा से अपने दायित्व निभाएं। अब्दुल रशीद के साथ आए बुजुर्ग शिक्षक नेता सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने शिक्षक संगठनों की ओर से पांचवे वेतन आयोग के लिए किए संघर्ष की याद दिलाई और कहा कि अन्याय सहकर बैठ जाना, बहुत बडा दुष्कर्म है,न्यायार्थ अपने बंधु को भी दण्ड देना धर्म है।पुरानी पेंशन की बहाली तभी होगी जब देश की राजनीति बदलेगी। चन्द्र हास सिंह, नरसिंह यादव,देवी प्रसाद मिश्रा, मो असलम,रामकुमार दूबे आदि ने निजीकरण वापस लेने और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।
कपिलेश यादव और सुमन सिंह ने चेतना और शिक्षा गीतों के माध्यम से अटेवियन्स में ऊर्जा का संचार किया। रामकुमार दूबे, रमाशंकर यादव, सुरेन्द्र बहादुर सिंह, सुनील मौर्य, प्रभाकर शुक्ल आदि ने समारोह को सम्बोधित किया। इन्द्र पाल गौतम शिव सिंह, अवनीश वर्मा, दिनेश कुमार यादव, विजय प्रताप, दीनानाथ सेन, सोमप्रकाश, मो तहसीन, प्रीति जायसवाल, रीता यादव, हौसिला प्रसाद, राजीव रंजन, लाल बहादुर आदि मौजूद रहे।