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HEALTH SYSTEM : स्वास्थ्य व्यवस्था है बदहाल, कैसे हो रोगियों का इलाज !

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REPORT BY MADHAV BAJPAYEE

AMETHI NEWS I 

जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बद से बदतर है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों से ज्यादा अस्पतालों को इलाज की जरूरत है। सीएचसी बाजार शुकुल क्षेत्र की करीब दो लाख आबादी के इलाज की जिम्मेदारी तीन चिकित्सक पर है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या दशा है।

दुआ कीजिए कि घर परिवार में कोई बीमार न पड़ जाए। नहीं तो बीमारी की जांच कराना तो दूर इलाज के लिए चिकित्सक ढूढे़ नहीं मिलेंगे। करीब वर्ष 2010 में इसे पीएचसी से सीएचसी का दर्जा तो दे दिया गया लेकिन संसाधन और सृजित पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी।

तीन डॉक्टरों के भरोसे बाजार शुकुल की दो लाख आबादी का इलाज

30 शैय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजार शुकुल में सृजित पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो सकी है। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल आने वाली महिला मरीजों को होती है। यहां पर उनका इलाज संविदा पर तैनात आयुष महिला चिकित्सक डॉ अर्चना द्वारा किया जाता है। जहां एक अधीक्षक और दो मेडिकल अफसर राजेंद्र प्रसाद व सुशील शुक्ला तथा फार्मासिस्ट के सहारे किसी तरह दिन में ओपीडी की व्यवस्था संचालित की जा रही है।

वहीं, रात की व्यवस्था एक फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वॉय के सहारे ही रह जाती है। डॉक्टरों की कमी के चलते अस्पताल आने वाले अधिकतर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद सीधे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है। कभी-कभी दिन में भी अधीक्षक की ओर से किसी मीटिंग के लिए जिला मुख्यालय या टीकाकरण आदि की निगरानी के लिए क्षेत्र भ्रमण पर जाने के बाद ओपीडी की जिम्मेदारी दो मेडिकल अफसर  को मिलती है  I

या फिर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सकों के हवाले हो जाती और फार्मासिस्ट के भरोसे ही किसी तरह चलती है।यहां शनिवार के दिन डिजिटल एक्सरे की सुविधा है, लेकिन अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता है।

महिला चिकित्सक न होने से हो रही परेशानी

विकास खंड की 54 ग्राम पंचायतों वाले बाजार शुकुल सीएचसी में प्रतिदिन दो सौ से अधिक मरीजों का अस्पताल में आना होता है। वहीं, अस्पताल में महिलाओं के प्रसव के लिए स्टाफ नर्सों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। महिला डॉक्टर न होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिला मरीजों को झेलनी पड़ती है।

सीएचसी बाजार शुकुल में स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती

 

कर्मचारी। पद स्वीकृत- तैनाती

चिकित्सा अधिकारी। 09- 02

महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक 01- 01

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी 01 – 01

ए आर ओ। 01 -01

हेल्थ सुपरवाइजर। 05 -01

 ए0एन0 एम0 18 -10

सी 0एच 0ओ0। 25 -13

 क्लर्क। 01-0

काउंसलर। 01-0

वार्ड व्याय। 05-01

स्वीपर। 05-01

 

क्या कहती है क्षेत्रीय जनमानस 

पूरे भोज निवासी एडवोकेट विजय शुक्ला कहते हैं की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बहुत खराब है। कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी है। सिर्फ दो चिकित्सक ही किसी तरह मरीजों का इलाज करते हैं।

पाली प्रधान हिमांशु सिंह कहते हैं कि अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने से महिला मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार क्षेत्रवासियों ने महिला चिकित्सक की तैनाती की मांग विभागीय अधिकारियों से की लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।

इक्का ताजपुर निवासी महेश दुबे के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र पर न तो हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती है और न ही सर्जन की। ऐसे में मरीजों को बीएचएल स्थित निजी नर्सिंग होम या जिला मुख्यालय के अलावा लखनऊ जाना पड़ता है।

रहमतगढ़ गांव निवासी देव नारायण यादव के अनुसार सीएचसी पर चिकित्सक सहित स्वास्थ्य कर्मियों की काफी कमी है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को हर रोज भुगतना पड़ता है।

इनकी भी सुनिए

बेहतर इलाज देने का प्रयास- चिकित्सा अधीक्षक

सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुधीर वर्मा चिकित्सक व अन्य स्टाफ की कमी को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि इतनी बड़ी आबादी वाले इलाके में चिकित्सक व स्टाफ नाकाफी हैं।

स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती के लिए पत्राचार किया गया है। फिलहाल कम संसाधनों में मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है।टीकाकरण जैसी विशेष कार्यक्रमो को भी ध्यान दिया जा रहा है I

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