MBBS DOCTOR REGISTRATION : अब यूनीक आईडी से पहचाने जाएंगे एमबीबीएस डॉक्टर
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REPORT BY MADHAV BAJPAYEE
AMETHI NEWS I
अमेठी अब हर एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) डॉक्टर की अपनी एक यूनीक आईडी होगी। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने मिलकर एक पोर्टल तैयार किया है। देश भर के सभी एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। एनएमसी की गाइडलाइन के बाद डॉक्टरों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने एमबीबीएस डिग्री के फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया है। अक्सर देखा जाता है कि शहरों व बाजारों में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर अपने को एमबीबीएस डिग्रीधारी बताते हुए मरीजों का उपचार कर रहे हैं। लोगों के लिए उनकी पहचान करना कठिन हो जाता है।
एलोपैथिक डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन किया अनिवार्य
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी निरीक्षण के दौरान कभी-कभी उनकी डिग्रियों के फेर में फंस जाते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सभी एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए नए पोर्टल (https://www.nmc.org.in) पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अनिवार्य की है। जो डॉक्टर पहले से इंडियन मेडिकल रजिस्टर (आईएमआर) पर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें भी इस पोर्टल के जरिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए चाहिए ये पत्राजात
इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टरों को अपनी आधार आईडी, एमबीबीएस डिग्री सर्टिफिकेट की डिजिटल कॉपी और स्टेट मेडिकल काउंसिल या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मिले सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करानी होगी। रजिस्ट्रेशन के पश्चात डॉक्टर को एक यूनीक नंबर प्रदान किया जाएगा। जो उसकी यूनीक आईडी मानी जाएगी।
एलोपैथिक डॉक्टरों का तैयार होगा डाटाबेस
नेशनल मेडिकल रजिस्टर से सभी मेेडिकल कॉलेज, मेडिकल संस्थान और स्टेट मेडिकल काउंसिल जोड़ दिए गए हैं। इसी पर सभी एलोपैथिक डॉक्टरों का डाटाबेस सुरक्षित होगा। जरूरत पड़ने पर पोर्टल पर एक क्लिक से डॉक्टर का पूरा ब्यौरा मिल जाएगा। इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लग सकेगी।
एनएमसी की गाइडलाइन का होगा पालन – सीएमओ
डॉ. अंशुमान सिंह सीएमओ अमेठी ने बताया कि एनएमसी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज समेत सभी डॉक्टरों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। यूनीक आईडी से ही एमबीबीएस डॉक्टरों की पहचान होगी। हम अपने यहां एनएमसी की गाइडलाइन का पूरा पालन कराएंगे।