रसरानी महाआरती घाट पर धूमधाम से किया गया गया श्रीयमुना महारानी का चुनरी मनोरथ
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REPORT BY DR GOPAL CHATURVEDI
VRINDAVAN, NEWS I
केशीघाट क्षेत्र स्थित रसरानी महाआरती घाट पर श्री गिरिधर नारायण सेवा ट्रस्ट के द्वारा हरितालिका तीज एवं वामन जयंती के उपलक्ष्य में श्रीयमुना महारानी का दिव्य व भव्य चुनरी मनोरथ प्रख्यात धर्माचार्य पं. रामप्रपन्नाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
जिसके अंतर्गत समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं ने आचार्य भुवनेश शुक्ला के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीयमुना महारानी का पूजन करके दीप दान किया गया।साथ ही 251 मीटर चुनरी से श्रीयमुना महारानी का मनोरथ किया।
तत्पश्चात् धूनी आरती व महाआरती आदि के कार्यक्रम किए गए।साथ ही प्रख्यात भजन गायकों द्वारा यमुना महारानी की महिमा से ओतप्रोत भजनों का गायन किया गया। श्री गिरिधर नारायण सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित राम प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि यमुना महारानी समस्त ब्रजवासियों की परमाराध्य हैं।उनकी महिमा वेदों व पुराणों में भी कहीं गई है।
गर्ग संहिता के अनुसार श्री यमुना महारानी गोलोक से ही आयी हैं और गोलोक ही पहुंचती हैं। इन्होंने सदियों और सभ्यताओं के उत्थान-पतन देखे, लेकिन इनका प्रवाह कभी बाधित नहीं हुआ।यमुना महारानी ने अपने पिता सूर्यदेव और भ्राता शनिदेव को भी ब्रज में ही बसाया है।जिनके दर्शनों के लिए यहां देश-विदेश के श्रृद्धालु ब्रज में आते हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि यमुना महारानी सप्त नदियों में से एक हैं।ये अत्यंत चमत्कारी व पुण्यदाई हैं। इनकी पूजा व आराधना करने से व्यक्ति को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
प्राचीन काल के वेदव्यास, सौभर ऋषि, गर्गाचार्य,पाराशर, अत्रि, दुर्वासा आदि की विद्या का विकास भी यमुना महारानी की धारा के संस्पर्श से ही हुआ है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान अजय सोनथलीया (मुंबई), गौदास महाराज, मनोज तोड़ी, मानसी तोड़ी, श्यामजी निहोतिया, करन पंजाबी, आकाश आचार्य, भागवताचार्य ध्रुव कृष्ण महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, श्याम दीक्षित आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आए तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।