भारत का लक्ष्य विश्व को मार्गदर्शन देना- डॉ० हरीश
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फरह, मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचारक डॉ० हरीश रौतेला ने दीनदयाल धाम में आयोजित विश्वकर्मा सम्मान एवं पं० दीनदयाल उपाध्याय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता सम्मान समारोह में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि पं० दीनदयाल जी का विचार था कि समाज की अंतिम पीढ़ी पर खड़ा व्यक्ति आगे बढ़ना चाहिए। उसकी तरक्की कैसे हो उसे लक्ष्य तय कर और योजना करके आगे बढ़ना होता है। डॉ०रौतेला ने एक बाज और उसके दो बच्चों के उड़ने की कहानी सुना कर बच्चों को आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि पंडित जी से प्रेरणा लेकर भारत विश्व गुरु बनने के लिए अग्रसर हैं। पंडित जी के विचारों से ही प्रेरणा लेकर दो वर्ष पूर्व रोजगार भारती की स्थापना की गई थी और दो वर्ष में एक करोड़ का व्यवसाय अब तक कर डाला है। इसमें सबसे नीचे पायदान पर खड़े लोगों को शानदार तरीके से बड़े-बड़े बैंडर बनाया गया है। उन्होंने कहा जब जीवन के अंदर श्रेष्ठ कार्य बनने का लक्ष्य बन जाता है तो वह समाज में प्रेरणा बन जाता है। एक एक बड़े लक्ष्य को लेकर लगातार आगे बढ़े तभी कार्य पूर्ण होगा और दीनदयाल जी का विचार पूर्ण होगा। चरैवेति- चरैवेति दिनभर चलते रहो यही दीनदयाल जी का विचार है। भारत का लक्ष्य विश्व को मार्गदर्शन देना है न कि किसी देश पर कब्जा करना। यही दीनदयाल जी के जीवन के विचार का लक्ष्य है।
इस अवसर पर विश्वकर्मा सम्मान के अंतर्गत 30 प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए, जिसमें नाई, धोबी, स्वर्णकार, पेंटर, बढ़ई, कुंभकार आदि कार्य करने वाले श्रमिक शामिल थे।
सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के बाल वर्ग, किशोर वर्ग एवं तरुण वर्ग में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता छात्र- छात्राओं को क्रमशः पांच हजार एक सौ, तीन हजार एक सौ एवं दो हजार एक सौ रुपये की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम से पूर्व पंडित दीनदयाल जी के चित्र के सम्मुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर पुष्पार्चन किया गया। अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉ० रोशन लाल, अशोक टैंटीवाल, यतेंद्र सिकरवार, रीना सिंह, मुकेश शर्मा प्रचार मंत्री मुख्य रूप से उपस्थित रहे।