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गांवों में दम तोड़ती नजर आ रही है प्रधान मंत्री की डिजिटल इंडिया मुहिम

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अमेठी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम ग्राम पंचायतों में दम तोड़ती नजर आ रही है। तिलोई तहसील क्षेत्र की 151 ग्राम पंचायतों में 130 से अधिक में पंचायत भवन कायाकल्प योजना के तहत बनने के साथ रेनोवेट हो गए हैं, लेकिन अब तक ये हाईस्पीड इंटनरेट से नहीं जुड़ सके हैं। इसके चलते पंचायत भवन से होने वाले जरूरी कार्य मोबाइल से करने पड़ रहे हैं जिनमे बहुत समय लगता है साथ ही समय से हो भी नहीं पा रहे हैं।
करीब दो साल पूर्व भारत सरकार की तरफ से गांवों को हाईस्पीड इंटरनेट सेवा से जोड़ने की कवायद शुरू की गई थी। इसके तहत तहसील के तीनों विकास खंडों के सभी 151 ग्राम पंचायतों को हाईस्पीड इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए जाने की शुरूआत की गई थी। केबल बिछाने की जिम्मेदारी बीएसएनएल को सौंपी गई। दो चरणों में तहसील के सिंहपुर की 58,तिलोई की 59 और बहादुर पर की 34 ग्राम पंचायतों में केबल बिछा दिए गए, लेकिन कनेक्टिविटी नहीं मिली और साथ ही गांव वालों के लिए वाई-फाई की शुरुआत नहीं हो सकी। भारत सरकार की योजना थी कि पंचायत भवनों तक पहुंचने वाले इस इंटरनेट से गांव में बैठकर ही ग्रामीणों के तमाम काम हो सकते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रयास अभी अधूरा है। इसके चलते सरकार की मुहिम ग्राम पंचायतों में परवान नहीं चढ़ पा रही है। पंचायत राज विभाग के आंकड़ों के अनुसार तहसील क्षेत्र की सभी 151 ग्राम पंचायतों में से सभी में ईपंचायत व्यवस्था के तहत पंचायत भवन में काम शुरू हो चुके हैं।और इसके लिए बकायदे पंचायत सहायक भी नियुक्त कर दिए गए हैं, लेकिन कनेक्टिविटी न होने से विभागीय कामकाज को लेकर दिक्कत होती है। ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा नहीं होने से ग्राम पंचायत अधिकारी निजी कंपनियों के डोंगल से जरूरी काम करते हैं, हालांकि ग्रामीणों को जरूरी काम कराने के लिए बाजारों में जाना पड़ता है। अगर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो जाए तो उन्हें पेंशन संग अन्य जरूरी कागज पंचायत भवन से ही मिल सकते हैं। बीएसएनएल के एसडीओ का कहना है कि भारतीय संचार निगम लिमिटेड को केबल बिछाने का काम मिला था।जो लगभग तहसील क्षेत्र के सभी गांवों में काम पूरा हो चुका है। आगे का काम बीबीएनएल (भारत ब्राडबैंड नेटवर्क लिमिटेड) को दिया गया है। उधर, डीपीआरओ श्रीकांत यादव का कहना है कि जिले में जितनी भी ग्राम पंचायतें हैं। निजी इंटरनेट व्यवस्था से गांवों में सचिवालयों का संचालन भी शुरू हो चुका है। गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल तो पहुंचा है, लेकिन कनेक्शन नहीं मिल सका है। इसके चलते हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा नहीं मिल रही है। इंटरनेट का कार्य अन्य विकल्पों से किया जा रहा है।तहसील तिलोई के तीनों विकास खंड कार्यालयों सिंहपुर,तिलोई,बहादुरपुर को भी इंटरनेट की व्यवस्था नहीं मिल सकी है।प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में तैनात सचिव प्रधानों के ऊपर दबाव बना रहे हैं कि स्वयं की व्यवस्था से नेटवर्क के लिए वाई फाई डिवाइस खरीदें।उन्होंने बताया कि हमने जिलाधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला पंचायतराज अधिकारी से ग्राम पंचायतों को अविलंब इंटरनेट व्यवस्था से जोड़ने के लिए पत्र लिखा है और अविलंब ब्राड बैड कनेक्शन देने की मांग की है।जिससे प्रधान मंत्री की डिजिटल भारत योजना परवान चढ़ सके।

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