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सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में नंदोत्सव की धूम

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REPORT BY DR GOPAL CHATURVEDI

VRINDAVAN NEWS। 

छटीकरा रोड़/गोपालगढ़ स्थित श्रीराधा गिरधर गोपाल मन्दिर में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तो-श्रृद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को यदि वर्तमान परिपेक्ष्य में देखा जाए तो वे न केवल भगवान हैं, अपितु वर्तमान और हर युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु भी हैं।

हम सभी को इनकी नित्य पूजा करने के साथ-साथ इनके द्वारा बताए गए सद्मार्ग को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।तभी हमारा कल्याण हो सकता है। पूज्य महाराजश्री ने कहा कि ऋषि-मुनियों की वाणी सिद्ध करने के लिए स्वयं भगवान नारायण नर रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर उनकी भक्ति को सुदृढ बनाते हैं।

पृथ्वी पर जब-जब पाप व अधर्म बढ़ने लगता है और धर्म का क्षय होने लगता है, तब-तब धर्म की पुनः स्थापना व पापियों व अधर्मियों का नाश करने के लिए भगवान नारायण प्रत्येक युग में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।

द्वापर युग में आतातायी कंस के अत्याचारों से त्रस्त संत, वैष्णव, ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में कंस के कारागार में अवतार लिया था।

इस अवसर पर बालकृष्ण की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही नदोत्सव की बधाइयों का गायन किया गया।इसके अलावा मेवा-मिष्ठान, खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े व बर्तन आदि लुटाए गए।

इस अवसर पर उमा शक्ति पीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित आर. एन. द्विवेदी (राजू भैया), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महोत्सव के संयोजक प्रदीप टीबड़ेवाल, कुसुम, आदर्श, उदित टीबड़ेवाल, राजेंद्र प्रसाद खेतान, सरला खेतान आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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