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1 min readREPORT BY KALI DAS PANDEY
MUMBAI NEWS।
चर्चाओं के बीच : नेहा बंद्योपाध्याय
इंटरनेशनल इंडियन फोक आर्ट गैलरी (ऑस्ट्रेलिया शाखा) द्वारा फोर्ट, मुंबई स्थित जहांगीर आर्ट गैलरी के हीरजी गैलरी में आयोजित इंडियन फोक आर्ट एग्जिबिशन के सफल आयोजन के बाद से भारतीय लोक कला संस्कृति के प्रचार व प्रसार की दिशा में अग्रसर नेहा बंद्योपाध्याय इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र की धरती से संयुक्त रूप से जुड़ी फैशन डिजाइनर/ चित्रकार नेहा बंद्योपाध्याय भारतीय फिल्म जगत में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के के ग्रैंडसन (नाती) चंद्रशेखर पुसालकर की दत्तकपुत्री के रूप में जानी जाती हैं।
नेहा बंद्योपाध्याय को मधुबनी पेंटिंग और वंचित महिलाओं और छात्राओं को प्रशिक्षण देने की दिशा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘द ग्रेट इंडियन वूमेन अवार्ड 2021’ और ‘सरस्वतीबाई दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल आइकॉनिक अवार्ड 2021’ से नवाजा जा चुका है। ड्रेस डिजाइनिंग और आभूषण तथा संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के बदौलत नेहा कई अवॉर्ड पा चुकी हैं।
बड़े फैशन डिजाइनिंग संस्थान के प्रमुख के रूप में अपनी संचालन क्षमता का परिचय देते हुए नेहा ने संस्थान का सफलतापूर्वक विस्तार और विकास किया, छात्रों की संख्या 5 से बढ़ाकर लगभग 400 कर दी। एक वर्ष से भी कम समय में 400 छात्र को प्रशिक्षित किया जिसके फलस्वरूप उन्हें टेक्सटाइल डिजाइनिंग और इंस्टीट्यूट के लिए लायन क्लब पुरस्कार भी मिला।
एमबीए (फाइनेंस), एम.एससी, टेक्सटाइल डिजाइनिंग और बैचलर ऑफ एजुकेशन में डिग्री ले चुकी नेहा बंद्योपाध्याय भारतीय लोक कला को बढ़ावा देने और मधुबनी, वारली पेंटिंग और संगीत के क्षेत्र से जुड़े समुदाय का हिस्सा बनने वाले सैकड़ों कलाकारों का समर्थन करने के लिए कोर टीम के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय लोक गैलरी में उपस्थित रहती हैं ।
साथ ही साथ कला उत्सव और शिल्प मेले से लेकर लोक, पारंपरिक और आधुनिक भारतीय कला से संबंधित एग्जिबिशन में भी सेवा, सहयोग व समर्पण की भावना के साथ शामिल रहती हैं। नेहा बंद्योपाध्याय मृदुभाषी, दयालु, मेहनती और एक भावुक कला प्रेमी हैं।
वह कहती हैं, “कला ने मुझे बचपन से अब तक बहुत कुछ दिया है, कला के प्रति समर्पित रहने की वजह से दुनिया भर के लोगों ने मुझे जाना है ।इस कला यात्रा के क्रम में मुझे कई महान लोगों से मिलने का मौका मिला, फलस्वरूप मेरी पहचान बनी और अब कुछ वापस देने की मेरी बारी है।”
किरण राव द्वारा निर्देशित फिल्म ‘लापता लेडीज़’ का दूसरा गाना ‘सजनी’ हुआ रिलीज
जियो स्टूडियोज द्वारा प्रस्तुत, ‘लापता लेडीज’ किरण राव द्वारा निर्देशित और आमिर खान और ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित ‘लापता लेडीज’ के’डाउटवा’ गाने को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसके बाद फिल्म के नए ‘सजनी’ गाने के साथ निर्माताओं ने जनता को मनोरंजन प्रदान किया है। नया गाना ‘सजनी’ के रिलीज के बाद इस फिल्म के निर्मातगण काफी उत्साहित हैं।
यह फिल्म आमिर खान प्रोडक्शंस और किंडलिंग प्रोडक्शंस के बैनर तले बनाई गई है, जिसकी स्क्रिप्ट बिप्लब गोस्वामी की अवॉर्ड विनिंग कहानी पर आधारित है। फिल्म के स्क्रीनप्ले और डायलॉग को स्नेहा देसाई द्वारा लिखा गया है, जबकि बाकी डायलॉग्स को दिव्यनिधि शर्मा द्वारा लिखा गया है। यह फिल्म 01 मार्च को रिलीज होगी। कॉमेडी-ड्रामा ‘लापता लेडीज़’ का दूसरा गाना ‘सजनी’ में रोमांस और प्यार की झलक देखने मिल रही है।
गाने को अरिजीत सिंह ने गाया है और संगीत राम संपत ने दिया है जबकि दिव्यनिधि शर्मा ने गाने के बोल लिखे हैं। इसके लिए लिखे गए शब्दों के साथ, यह गाना ‘प्यार’ की मीनिंग को बहुत ही अच्छे तरीके से बयां करता है। यह गाना एक सुंदर मेलोडी है जो सिनेदर्शकों के दिल को छू जाएगी।
‘आखिर पलायन कब तक’ का स्पेशल स्क्रीनिंग सम्पन्न 16 फरवरी को रिलीज होगी फिल्म…..!
माँ चूनकी देवी प्रोडक्शंस की नवीनतम प्रस्तुति ‘आखिर पलायन कब तक’ का स्पेशल स्क्रीनिंग पिछले दिनों अंधेरी (पश्चिम), मुंबई स्थित ‘सिने पोलिस’ प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। सोहनी कुमारी और अलका चौधरी द्वारा निर्मित इस फिल्म के लेखक व निर्देशक मुकुल विक्रम हैं।
एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म ‘आखिर पलायन कब तक’ की कहानी दो समुदाय के बीच धार्मिक उन्माद की वजह से हो रही हत्याओं, थाने में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर, एक लापता परिवार और उसके चार सदस्यों और कई अन्य रोमांचक स्थितियों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म असल में कश्मीरी पंडितों के मुस्लिम ‘मोहल्ले’ में रहने के घातक और भयानक अनुभवों को उजागर करती है।
किस तरह से अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय एक दूसरे के प्रति नफरत और द्वेष रखते हैं। किस तरह से एक दूसरे को दबाने, डर का माहौल पैदा कर एक दूसरे को बेइज्जत करने के लिए अलग-अलग हथकंडे इस्तेमाल करते हैं। यही इस फिल्म में बताने का प्रयास किया गया है।
इस फिल्म में राजेश शर्मा, भूषण पटियाल, गौरव शर्मा, चितरंजन गिरी, धीरेंद्र द्विवेदी और सोहनी कुमारी की मुख्य भूमिका है। ‘आखिर पलायन कब तक’ उन सभी सिनेमा प्रेमियों के लिए ट्रीट होगी, जो यथार्थवादी सिनेमा देखना पसंद करते हैं। यह फिल्म जीवन और समाज की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। यह फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।