कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 साल के बाद अधिसूचना हुई जारी
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नई दिल्ली ।
देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेसमें 22 वर्ष के अंतराल पर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना जारी हो गई है। अब तक कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 4 लोगों की चर्चा तेज हो गई है जिनमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत शशि थरूर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी शामिल है काग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर सभी की नजरें गड़ी हुई है गुरुवार को अधिसूचना जारी हो गई है देश के सबसे बड़े दल के मुखिया का चुनावी प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गई है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार अधिसूचना जारी होने के बाद अब नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है क्योंकि 24 से 30 सितंबर तक चलेगी नामांकन वापस लेने की आखिरी तिथि 8 अक्टूबर है एक से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति पर 17 अक्टूबर को चुनाव कराया जाएगा और परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। चुनावी समर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने चुनाव लड़ने के स्पष्ट संकेत दे दिये हैं I इससे लगने लगा है कि आम सहमति से कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना सम्भव नहीं है I और 22 वर्ष के बाद एक बार फिर अध्यक्ष पद पर निर्वाचन प्रक्रिया से ही चुने जायेंगे। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव सन 2000 में हुआ था I जिसमें सोनिया गांधी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के बीच चुनाव हुआ। सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को बड़े अन्तर से जीत हासिल कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुई थी। ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी गांधी परिवार के सदस्य को अध्यक्ष पद के लिए चुनावी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। इसके बाद 22 वर्ष तक सोनिया गांधी व राहुल गांधी को कोई चुनौती नहीं दे सका । 1997 में भी आजादी के बाद कांग्रेस के इतिहास में पहली बार चुनाव हुआ था जिसमें सीताराम केसरी,राजेश पायलट व शरद पवार के बीच रोचक मुकाबला हुआ था जिसमें सीताराम केसरी विजई हुए थे कहा जाता था कि इन पर गांधी परिवार का वरदहस्त था। 70 सालों में कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर हमेशा गांधी परिवार का ही वर्चस्व रहा है सिर्फ दो बार ही चुनाव हुए हैं जिसमें एक बार गांधी परिवार के बाहर का व्यक्ति अध्यक्ष बना था। चुनाव प्रक्रिया के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि करीब 9000 डेली गेट चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने जो अध्यक्ष पद के साथ वर्किंग कमेटी के 23 सदस्यों में से 12 सदस्य चुने जाएंगे बाकी 11 सदस्य नामित होंगे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को 10 प्रदेश डेली गेट सदस्य का समर्थन चाहिए I बताते चलें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर ही नाराज होकर पार्टी छोड़ दिया था ।
फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की भी चर्चा जोरों पर है। मनीष तिवारी पार्टी के अंदर लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव कराने और से चलाने को लेकर G-23 नेताओं में यह भी शामिल रहे हैं I उधर अशोक गहलोत का कहना है कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे लेकिन एक बार राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अवश्य मनाने का प्रयास करेंगे वही शशि थरूर ने बुधवार को कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मिलकर चुनावी प्रक्रिया एवं नामांकन के बारे में जानकारी हासिल की । नामांकन के बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन चुनाव मैदान में होगा। अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले बुधवार को अशोक गहलोत ने कहा कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे। दूसरी तरफ, पहले से ही चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे लोकसभा सदस्य थरूर ने बुधवार को कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की और नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की।कुछ अन्य नेताओं के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।