आखिर क्यों भागा इंस्पेक्टर, पीछे दौड़ा सिपाही !
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सुलतानपुर।
दुष्कर्म के आरोप में महिला थाना पुलिस के जरिये हिरासत में लिए गये इंस्पेक्टर नीशू तोमर के भागने की खबर चर्चा मे आने के बाद पुलिस विभाग की ओर से महिला थाना प्रभारी व अन्य अधीनस्थों की भ्रामक सूचना के आधार पर उच्चाधिकारियों ने देर रात नीशू तोमर को पूछतांछ के लिए महिला थाने बुलाने व पूछतांछ के बाद नीशू तोमर के वापस जाने एवं मुकदमे में साक्ष्य संकलन व वैधानिक कार्यवाही प्रचलित होने की सफाई देते हुए सूचना जारी की थी । पर उसी के बाद कई वीडियो सामने आने से जिम्मेदारों की भूमिका पूर्ण रूप संदिग्ध लगने लगी है वही महिला सिपाही से दुष्कर्म केस के मामले में तफ्तीश कर रही महिला थाना प्रभारी मीरा कुशवाहा की कहानी वीडियो आने के बाद मेल नहीं खा रही है । कल सम्बंधित केस में निरीक्षक नीशू तोमर स्वयं सीजेएम कोर्ट में सरेंडर करने आये थे, इसी दौरान कोर्ट परिसर के बाहर आने पर उन्हें हिरासत में लेने महिला थाना पुलिस पहुँची थी ,लेकिन इस दौरान नीशू तोमर भागने लगे तो करीब आधा किलोमीटर पीडब्ल्यूडी आफिस के निकट तक दौड़ाकर सिपाही ने उन्हें पकड़ा था। जिसके बाद सिपाही के बुलाने पर उन्हें हिरासत में लेने के लिए पहुँची सीओ की सरकारी गाड़ी थी I
सड़क पर सिविल ड्रेस में पेशेवर मुल्जिम की तरह भागते निरीक्षक को एक वर्दीधारी सिपाही के जरिये लगातार खदेड़ते देखने पर आम पब्लिक भी हैरान हो गई थी । मौके पर तमाशबीनों की काफी भीड़ जमा हो गई थी । यह करतूत देख रहे लोगो ने कोर्ट से लेकर अफीम कोठी तक की पूरी घटना को मोबाइल में कैद कर लिया था,पर इस बात का पुलिस को नहीं अंदाजा था । पुलिस को अपनी कहानी पर पूरा भरोसा था I इस घटना को लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। मामले को डैमेज कंट्रोल करने के लिए उच्चाधिकारियों ने देर रात सफाई भरा बयान जारी किया । लेकिन उनके मंसूबों पर वायरल हो रहे वीडियो ने पानी फेर दिया।
पति के फरार होने की सूचना पर उनकी पत्नी पर्दे के पीछे से कहानी बनाई कि पुलिस ने ₹100000 लेकर उनके पति को छोड़ दिया था I लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कुसुम क्यों पुलिस के खिलाफ बयान देगी I यह बात लोगों को हजम नहीं हुई । फिर बयान को पलटते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पति के जिम्मेदार पद पर हैं ,ऐसी हरकत क्यों करेंगे । इस प्रकार की चर्चाओं से तफ्तीश कर रही महिला थानाध्यक्ष मीरा कुशवाहा व उनके अधीनस्थों की शैली पर सवाल उठने लगे हैं ।मामला क्या है इसका पता तभी लगेगा जब महिला पुलिस थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जाएगा जिससे महिला पुलिस थाना और कुसुम के बीच की कहानी का पर्दाफाश हो सकेगा। इसके बारे में उच्चाधिकारियों ने भी जांच करने की बात कही है एक के बाद एक वीडियो सामने आने के बाद महिला थाना अध्यक्ष और उनके अधीनस्थों पर उच्चाधिकारियों की गाज गिर सकती है ।अगर सवाल उठता है कि नीशू तोमर को आधा किलो मीटर दौड़ आकर पुलिस द्वारा पकड़ना फिर पुलिस की तरफ से सफाई आना यह क्या दर्शाता है कि आम जनता और विभाग के दोषियों के लिए अलग-अलग नियम है । बताते चलें कि काफी समय से नीशू तोमर और महिला सिपाही से जुड़े मामलों में कागजी खेल, विवेचना पर सवाल उठने के बाद नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय से विवेचना से हटा ली गई थी I जिला न्यायालय में सीजेएम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट मानिटरिंग अर्जी देकर पीड़िता सिपाही ने सतही विवेचना पर सवाल उठाया था । सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट ने जिले के उच्चाधिकारियों व विवेचक से विवेचना से जुड़ी प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई है । वही महिला सिपाही के दर्ज मुकदमे से पूर्व नीशू तोमर ने महिला सिपाही और उनके दो सहयोगी सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था फिलहाल इस केस में अब क्या मोड़ लेता है यह देखने वाली बात होगी लेकिन सुल्तानपुर पुलिस ने इस घटना से अपनी किरकिरी जरूर करा ली है ।