मन के अँधियारे को रख तू बस अपने दिल के गलियारे तक —
1 min readमन के अँधियारे को रख तू
बस अपने दिल के गलियारे तक
रो मत औरों के आगे तू
आँसूओं को समर्पित कर ईश्वर तक
भक्ति जो प्रबल हुई तेरी
तर जाएगा तू भी इस सागर से
सिसक मत औरों के आगे तू
खुद को झुकाता चल बस ईश्वर तक
नतमस्तक होगा कभी वो भी
जिसने समझा है खुद को सर्वोपरि
झुक मत औरों के आगे तू
खुद को झुकाता चल ईश्वर तक
भावनाओं का तेरी कोई मोल नही
इस नश्वर जगत के छल प्रपंच में
खो मत जाना झूठे सपनों में तू
खुद को ले चल बस ईश्वर तक