पुलिस कार्यवाही से नाराज मृतक के परिजनों को समझाने में कामयाब हुआ प्रशासन, किया गया अंतिम संस्कार
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अमेठी।
थाना क्षेत्र इन्हौना के कोटवा गांव में रविवार/सोमवार की रात्रि एक दलित युवक की हत्या मामले में विना परिजनों के तहरीर दिए किसी फर्जी आदमी से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज करने से नाराज परिजनों ने मंगलवार शाम जमकर हंगामा काटा।दूसरी तहरीर देने के बाद मकतूल का पिता अंतिम संस्कार को तैयार हुआ।
गौर तलब हो कि सोमवार की सुबह गांव में उस समय सनसनी फ़ैल गई थी जब युवक की लास रस्सी से जकड़ी हुई एक नीम के पेड़ के तने में बंधी हुई मिली थी।मृतक के पिता, मा,बहन भाई सभी रोजी रोटी के सिलसिले में अहमदाबाद में थे।मंगलवार को सायं साढ़े पांच बजे जब परिजन पहुंचे तो हंगामा होने लगा। समझाने बुझाने पर पिता ने दूसरी तहरीर दे पांच अन्य लोगों का नाम दिया।
तब मृतक के पिता रामकिशोर अंत्येष्टि को तैयार हुए।परंतु फिर भी शव को जलाने को तैयार नहीं हुए उन्होंने कहा हम दफनाएंगे।समाचार लिखे जाने तक बरसात हो रही थी।लाश पानी में भीग रही थी। मौके पर इन्हौंना थानाध्यक्ष कंचन सिंह, शिवरतन गंज थानाध्यक्ष, मोहनगंज थानाध्यक्ष,जायस थानाध्यक्ष मय दल बल मौके पर मौजूद रहे। और एक कंपनी पीएसी भी मौके पर मौजूद है।
जानकारी के अनुसार गांव निवासी रक्षाराम रावत 27वर्ष पुत्र राम किशोर रावत रविवार शाम को घर से निकला था और रात वापस नहीं आया सोमवार की सुबह रक्षा राम का शव कोटवा गांव में राधेश्याम मौर्य के दरवाजे नीम के पेड़ के तने से रस्सी से हाथ पैर जकड़ा हुआ ग्रामीणों ने देखा था।
मामले की सूचना ग्रामीणों द्वारा इन्हौना थाना को दी गई सूचना पर थाना प्रभारी इन्हौना कंचन सिंह ने गांव के चौकीदार की तहरीर पर छह लोगों को नामजद कर मुकदमा पंजीकृत कर लिया था।पुलिसिया कार्यवाही पूरी तरह संदेह के घेरे में है।
क्या था मृतक के परिजनों के नाराज होने के कारण
मृतक की बाइक गांव के बाहर बाबा बकतावर दास की कुटी पर खड़ी थी और लास पांच सौ मीटर दूर गांव के भीतर कई घरों के मध्य नीम के पेड़ में बंधी पाई गई।रक्षाराम के पिता रामकिशोर परिवार समेत अहमदाबाद (गुजरात) में थे सूचना के बाद वह गांव के लिए चल पड़े थे I
परंतु थानाध्यक्ष के द्वारा आनन फानन में मुकदमा दर्ज कर लाश का पोस्टमार्टम करा दिया। जिसे लेकर मृतक का पिता संतुष्ट नहीं है।इसी बात को लेकर लाश का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं था।काफी समझाने के बाद शव दफनाने को तैयार हुआ। लाश दफनाने के लिए जेसीबी बुलाई गई।देर रात शव दफनाया जा सका।