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युवती की हत्या में न्यारा देवी को कोर्ट ने ठहराया दोषी

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सुलतानपुर/हरदोई। छह वर्ष पूर्व हुई युवती की हत्या के मामले में एफटीसी प्रथम अंकुर शर्मा की अदालत ने हत्यारोपी पड़ोसन महिला को दोषी करार दिया है। अदालत ने हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी ठहराई गई महिला की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 27 फरवरी की तारीख तय की है। मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के छिताई पाठक का पुरवा गांव से जुड़ा है।

जहां के रहने वाले अभियोगी भानु प्रताप सिंह ने एक जनवरी 2017 की घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन सुबह करीब नौ बजे उसके पड़ोस के रहने वाली न्यारा देवी उसकी 19 वर्षीय बेटी नेहा को रुपए मांगने के बहाने अपने घर पर बुलाई, जिसके बाद अभियोगी की पुत्री नेहा 100 रुपये लेकर न्यारा देवी के घर गई,लेकिन मृतका के परिजनों के मुताबिक काफी समय बीत जाने के बाद भी जब नेहा वापस नहीं लौटी तो उन्होंने न्यारा देवी के घर जाकर पता लगाना चाहा।

न्यारा के घर जाकर नेहा के परिजनों ने जब देखा तो उसके घर पर ताला लगा हुआ था। अभियोगी के घर वालों ने न्यारा देवी के फोन पर भी संपर्क करना चाहा लेकिन उसका फोन बंद मिला। काफी खोजबीन के बाद भी नेहा का कोई पता नहीं चल सका। अगले दिन दो जनवरी 2017 की सुबह करीब आठ बजे पड़ोस के रहने वाले अशोक यादव के लड़के ने छत पर गेंद खेलते हुए देखा कि न्यारा देवी के घर के आंगन में किसी का पैर दिख रहा है I

जिस पर लोगों ने पहुंचकर न्यारा के आंगन में जाकर देखा तो नेहा की लाश वहां पड़ी थी,जिसके गले व सीने पर चोट पहुंचा कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में न्यारा देवी के अलावा एक अज्ञात व्यक्ति के जरिए मिलकर नेहा की हत्या करने की बात सामने आई। मामले में अभियोगी की तहरीर पर न्यारा देवी व उसके अज्ञात साथी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। तफ्तीश के दौरान पता चला कि न्यारा देवी ने सह आरोपी प्रभु दयाल के साथ मिलकर नेहा को मौत के घाट उतार दिया।

इस मामले में न्यारा के अलावा हरदोई जिला अंतर्गत स्थित मुझिला थाना क्षेत्र के अयारी गांव के रहने वाले सह आरोपी प्रभुदयाल उर्फ प्रियांशु सिंह का नाम सामने आया। पुलिस ने मामले में अपनी तफ्तीश पूरी न्यारा देवी के खिलाफ जिला न्यायालय की संबंधित अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया, जबकि घटना के समय प्रभुदयाल के किशोर होने के चलते उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल हुआ, जहां पर आज भी उसके खिलाफ विचारण चल रहा है।

वहीं आरोपी महिला न्यारा देवी के खिलाफ फास्ट ट्रेक कोर्ट प्रथम की अदालत में विचारण चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने चुनावी रंजिश की वजह से फर्जी तरीके से विपक्षियों के जरिए फंसाने का तर्क पेश किया। आरोपी न्यारा के मुताबिक वह घर के दरवाजे में कुंडी लगाकर शौच के लिए बाहर चली गई थी,इसी दौरान विपक्षियों ने नेहा की लाश को उसके घर मे छिपा दिया और इसी आधार पर उसे मामले में फंसा दिया गया। इस तरह से न्यारा पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को पेश करते हुए स्वयं को बेकसूर बताया।

वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत करते हुए उसे घटना का जिम्मेदार ठहराया और कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात एफटीसी जज अंकुर शर्मा की अदालत ने न्यारा देवी को हत्या समेत अन्य धाराओं में दोषी करार दिया है। न्यारा देवी की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने 27 फरवरी की तारीख तय की है।

रिपोर्ट-अंकुश यादव 

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