Poet Conference : गुरू की बगिया मा प्रकाश ही प्रकाश बा…
1 min read

REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS।
शुक्रवार को अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से शिवपूजन मिश्र के यहां कवि सम्मेलन का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पूजा, अर्चना,माल्यार्पण तथा प्रख्यात कवि सुरेश चन्द्र शुक्ल ‘नवीन ‘ की वाणी वंदना से हुआ।
अतिथियों का स्वागत करते हुए अध्यक्ष अवधी साहित्य संस्थान अमेठी ने कहा कि हिन्दी साहित्य के सम्वर्द्धन में गद्य एवं पद्य दोनों की भूमिका अहम है। पद्य गद्य के बिना समझा नही जा सकता है। साहित्य सृजन में सामंजस्य जरूरी है।
अध्यक्षता करते हुए अवधी मधुरस ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने पढ़ा खेतनु पियरी पहिरिके , सरसइया लहरातु। चहुॅंमुखु बगरतु महमही ,पवनु डुलतु मदमातु। रामेश्वर सिंह ‘निराश’ ने पढ़ा सच पूछिए तो विश्व में होगा बसंत कब,जब बंद होय जंग तौ समझौ बसंत है।
डॉ अर्जुन पाण्डेय ने पढ़ा गुरू की बगिया मा प्रकाश ही प्रकाश बा। रामबदन शुक्ल ‘पथिक’ ने पढ़ा चाहता वो मिलें सर पटकता रहा,याद में उनकी मैं तो भटकता रहा। समीर मिश्र ने पढ़ा मित्रों डूबके रंगों में होली हो नही सकती,बना दे दुश्मनों को दोस्त होली उसको कहते हैं।
सुरेश चन्द्र शुक्ल ‘नवीन’ ने पढ़ा घिरे जब मुश्किलों में निकलना हमने सीखा है,चलना गिरना उठ जाना सम्हलना हमने सीखा है। चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ‘मंजुल’ ने पढ़ा हमें करोवनि मिलै नाही,तू काढ़ा ऊपर साढ़ी,तोहरे बाप कै दाढ़ी।जगदम्बा तिवारी ‘मधुर’ ने पढ़ा नहीं कोई शिकवा न कोई गिला है,जो कुछ मिला सब नसीबों मिला है।
इस अवसर पर शिवपूजन मिश्र,हरिश्चंद्र मिश्र , अनिरुद्ध मिश्र, देव लाल मिश्र, अंकित मिश्र,राज देव तिवारी,अजय पाण्डेय,राज कुमार तिवारी,,छोटू तिवारी,मधुसूदन मिश्र,मंसा राम मिश्र, राधे मिश्रहरि नाथ मिश्र,देव शंकर मिश्र, प्रमोद पाण्डेय एवं धर्मेन्द्र मिश्र आदि सैकड़ों की संख्या में साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।कवि सम्मेलन का संचालन प्रख्यात कवि समीर मिश्र ने किया।

