Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

POETRY OF BASANT PANCHAMI : भाव के अंकुर हमीं से गीत के बिरवे बनेंगे…..

1 min read
Spread the love

PRESENTED BY MANISHA SHUKLA 

कंठ में पीड़ा सजा के, वेदना को स्वर बना के

जो लिखेंगे, आज उसको, सत्य होना ही पड़ेगा 

अक्षरों के हम नियंता, हम कलम के सारथी हैं

युद्ध का हम ही बिगुल हैं, मंदिरों की आरती हैं

हम धरा पर आज भी सत्यम-शिवम की अर्चना हैं

हम वही जुगनूं कि जिनको रजनियां स्वीकारती हैं 

हम सदा इतिहास के हर घाव को भरते रहे हैं

हम अगर रोएं, समय को साथ रोना ही पड़ेगा 

हम कथा रामायणों की, धर्म का आलोक हैं हम

जो सजी साकेत में उस उर्मिला का शोक हैं हम 

दिनकरों की उर्वशी के मौन का संवाद हैं हम

हम प्रलय कामायनी का, मेघदूती श्लोक हैं हम 

बांचते ही हम रहे हैं पीर औरों की हमेशा

पुण्य के वंशज हमीं हैं, पाप धोना ही पड़ेगा

हैं हमीं, मीरा कि पत्थर के लिए जो बावली हो

हम वही तुलसी कि जिसके प्राण में रत्नावली हो

हम कबीरा की फ़कीरी, मस्तियां रसखान की हम

सूर के नैना, कि जिनसे झांकती शब्दावली हो 

भाव के अंकुर हमीं से गीत के बिरवे बनेंगे

आखरों को पंक्तियों में आज बोना ही पड़ेगा 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »