याद रखें हम ये तीन बात जो हैं जीवन की सौगात_____
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हमारी जीवन यात्रा के दौरान कई ऐसे प्रसंग घटित होते हैं कि हमारा सुख-चैन समाप्त हो जाता है।जो पास में है उसका सुख भोगने केबजाय जो अप्रिय घटित हुआ उसी तरफ़ मन बार-बार जाता है और हम व्यथित होने लगते हैं। चाहे किसी की खुशी का कारण न बनसको पर किसी के दर्द का मरहम जरूर बनकर देखना शायद उनकी दुआओं से आपके अपने घाव ही भर जाएँ ।
अतः ज़िन्दगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए जो खुशबू भी दूसरों को देता है और और टूटता भी दूसरों के लिए ही है। चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी भी डिप्रेशन में नहीं आती हैं वो सदा अपने अस्तित्व में मस्त रहती है क्योंकि पता है उसे सदाबहार जीवन का सही से सार । वह बंद कभी होते नहीं उम्मीदों के द्वार । वैसे ही इंसान भी वर्तमान में जीने वाला सदा सुखी रहता है |
जिस क्षण उसे मरना है, या वह मर जाएगा लेकिन वह आज क्यों मरूं ? यह जीने की सही से कला सीख जाए। अपमान, शोक, वियोग, हानि, असफलता आदि- आदि तमाम स्थितियां आती रहती हैं और जाती भी रहती है। पर वास्तविकता में सही मायनों में जीना तभी हीं सार्थक है जब जीवनको कलात्मकता से जीया जाए। कठिन से कठिन विकट स्थिति में विवेक पूर्वक और सही से धैर्यपूर्वक निर्णय ले।
हम सं विषम हर परिस्थिति में सं रहतें हुवें , अपनी इन्द्रियों कों अपने वश में करतें हुवें , हम भौतिकता सें आध्यात्मिक की और अग्रसर होतें हुवें, अपनीआत्मा कों उज्जवल करतें हुवें, हम अपने परम् लक्ष्य की और अग्रसर हों।
प्रदीप छाजेड़
(बोरावड़,राजस्थान)