Political…..हिन्दू राष्ट्र की बात करना संविधान का उल्लंघन -स्वामी प्रसाद मौर्य
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अमेठी। अखिल भारतीय मौर्य महासंघ के बैनर तले रविवार को गढ़ा माफी में आयोजित सम्राट अशोक महान जन्मोत्सव में अयोध्या मंडल और लखनऊ मंडल के एक दर्जन जिलों के सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। समारोह में बहुजन मिशन के गीत कारों ने अपने गीत -संगीत के माध्यम से शिक्षा ,सामाजिक संगठन और बुद्धं सरणं गच्छामि के संदेश दिए।
मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि इंसानियत की सेवा और इंसानियत का सम्मान ही मानव धर्म है। अखंड भारत के निर्माता सम्राट अशोक (Samrat Ashok) महान की दुनिया में इसलिए पहचान नहीं है कि वे योद्धा थे, बल्कि इसलिए है कि ऐतिहासिक कलिंग युद्ध के बाद उन्होंने कभी भी तलवार नहीं उठाने का संकल्प लिया और भाईचारा, शांति , एकता और अहिंसा के बल पर दुनिया के दिलों पर राज किया। दुनिया (Word) में भारत की पहचान बुद्ध के देश के रूप में होती है।
प्रधानमंत्री जी ने यू एन ओ (UNO) में कहा था कि हम बुद्ध की धरती से आए हैं। बुद्ध के विचार पूरी दुनिया को आलोकित कर रहे हैं। दुनिया की 35 फीसदी आबादी बुद्ध (BUDDHA) के विचारों को मानती है। अपने लगभग पैंतालीस मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि हमने किसी भी ग्रन्थ का अपमान नहीं किया , बल्कि संविधान विरोधी व्यवस्था में बदलाव की बात कही है।1848 में महात्मा फुले ने बालिकाओं के लिए जो पहला स्कूल खोला था, उसमें सभी आठ छात्राएं सामान्य वर्ग की थी। 1857 में अंग्रेजी हुकूमत ने महिलाओं को शिक्षा के अधिकार दिए।
उन्होंने कानून व्यवस्था और हिन्दू राष्ट्र(HINDUS NATION) के मुद्दे पर सरकार को जमकर निशाने पर लिया और कहा कि संविधान की कसम खाकर कुर्सी पर बैठे लोगों को हिंदू राष्ट्र की बात करते हुए शर्म भी नहीं आती। उत्तर प्रदेश में कानून गूंगा,बहरा और अंधा है। मैं संविधान के समर्थन में बोलता हूं। मेरी हत्या की सुपारी देने वालों को सरकार अभयदान दे चुकी है । हिन्दू राष्ट्र की बात करना भारतीय संविधान का उल्लंघन है।संविधान के आचरण के विपरीत है।
उन्होंने ने आरोप लगाया कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने सामाजिक और आर्थिक गैर बराबरी दूर करने के लिए एस सी,एस एस टी (ST),ओ बी सी(OBC) समाज के लिए जिस आरक्षण की व्यवस्था की है, भाजपा सरकार उसे शून्य कर रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर और कांशीराम के विचारों पर पूरे देश में तेजी से काम होने से यथास्थितिवादी ताकतें बैक फुट पर आ गई हैं। सरकार वोट के लिए जिन्हें हिंदू कहती है, सत्ता में आने के बाद उन्हीं का आरक्षण खत्म करती है। उन्होंने कहा कि वोट की कीमत जिस दिन लग जाएगी उस दिन देश में लोक तंत्र समाप्त हो जाएगा। जब तक भारत का संविधान है तभी तक जनता का स्वाभिमान और सम्मान सुरक्षित है।
राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य शकुन्तला भारती ने मौर्य साम्राज्य के इतिहास का उल्लेख किया और कहा कि ऐतिहासिक कलिंग युद्ध में अपार धन जन हानि ने सम्राट अशोक को विचलित कर दिया।उसने सोचा कि युद्ध जीतने के बाद भी मैं मानवता की लड़ाई हार गया,उसका ह्रदय परिवर्तन हो गया और उसके इस ह्रदय परिवर्तन ने उसे बुद्धं सरणं गच्छामि का संदेश दुनिया में फैलाने की ताकत दी और भारत को विश्व गुरु बना दिया। सम्राट अशोक महान के समय ही भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था।
सेवानिवृत्त प्रवक्ता और बसपा(BSP) नेता मुइनुद्दीन गामा ने बहुजन समाज के लोगों को सम्राट अशोक महान सहित सभी महापुरुषों के इतिहास से प्रेरणा लेकर राज सत्ता पर अधिकार कर अपनी बिगड़ी बनाने का संदेश दिया। रमा कान्त मौर्य ने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था को सुरक्षित रखने को संगठित संघर्ष पर जोर दिया और कहा कि जो सरकारें आरक्षण खत्म करने की साज़िश कर रही हैं , बहुजन समाज उन्हें कत्तई वोट न दे।
समारोह की शुरुआत भगवान बुद्ध (GOD BUDDHA’, सम्राट अशोक महान की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और सामूहिक त्रिसरण पंचशील कार्यक्रम के साथ हुई। आयोजन समिति की ओर से अखिल भारतीय मौर्य महासंघ के अध्यक्ष हौसिला प्रसाद मौर्य, महासचिव अरूण कुमार मौर्य, संजय कुमार मौर्य, रमाकांत मौर्य, संदीप कुमार मौर्य , शाक्य एस एन मौर्य, बाबू लाल मौर्य आदि ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह को शाक्य एस एन मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार संजीव भारती, राजकुमार पटेल, परमात्मा दीन मौर्य, श्री नाथ यादव, महावीर कश्यप,अरूण प्रजापति, अरुण कुमार शास्त्रीरामसजीवन मौर्य,वीनू मौर्य,सपा जिलाध्यक्ष राम उदित यादव आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राम अवध मौर्य और अध्यक्षता रामलाल मौर्य ने की।रामसुख मौर्य वयोवृद्ध 110 वर्ष का स्वागत स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने स्वयं किया।
समारोह में मौजूद प्रमुख लोग संजय कुमार कोरी,राम चंद्र,राम फल फौजी, रामशंकर, राम सुमिरन लहरी,के के आर्य,राम चंद्र मौर्य,गया प्रसाद मौर्य, धर्मराज पाल, शोभा मौर्य,सूर्य भान मौर्य, रामरती मौर्य, संदीप कुशवाहा, बृजेन्द्र,रामरतन, राजकुमार मौर्य, मंशाराम मौर्य, अमरावती मौर्य, शीला मौर्य, अर्जुन कुमार मौर्य आदि रहे।