मनरेगा में घोटाले का आरोप —-
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अमेठी।
सिंहपुर विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सेवक,प्रधान पति व तकनीकी सहायक की गठजोड़ से मनरेगा योजना में भारी घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।इस शातिर दिमाग तिकड़ी ने एक ही इंटर लाकिंग कार्य का दो दो बार भुगतान कराया है।मामले की शिकायत ग्रामीणों ने शपत्र के साथ जिलाधिकारी अमेठी से की है।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2021- 22 वित्तीय वर्ष में मेहमानपुर ग्राम पंचायत में एक करोड़ सैंतालीस लाख रु से अधिक मनरेगा योजना द्वारा खर्च हुए।सर्वाधिक मनरेगा का धन खर्च करने की वजह से एक बार जनपद की टीम ने दूसरी बार अभी एक सप्ताह पूर्व भारत सरकार की मॉनिटरिंग टीम ने गांव का निरीक्षण किया लेकिन उन टीमों की नजर इन शातिर दिमाग खिलाड़ियों के खेल की तरफ नहीं गई।गांव निवासी महेश कुमार मिश्र ने जिलाधिकारी को सपथपत्र के साथ भेजी गई शिकायत में लिखा है कि गांव की प्रधान अशिक्षित महिला है और प्रधानी का कार्यभार उनके पति अशोक कुमार देखते हैं।विकास कार्यों में ग्राम रोजगार सेवक व प्रधान पति मिलकर मनरेगा और अन्य योजनाओं में लाखों का घोटाला कर रहे हैं।शिकायत में लिखा है कि मनरेगा योजना से बसंतपुर गांव में जीत बहादुर के घर से संत प्रसाद के घर तक इंटरलाकिंग कार्य कराया गया बाद में उसी कार्य का नाम बदलकर दुबारा दयानंद के घर से बासुदेव के घर तक इंटरलाकिंग कार्य दिखाकर भुगतान करा लिया गया।यह तो बानगी मात्र है इसी प्रकार कई अन्य कार्यों का दो दो बार भुगतान मनरेगा और पंचम राज्य वित्त व पंद्रहवां राज्य वित्त से कराया गया है विना हैंड पंप रिबोर किए भुगतान कराए गए।यही नहीं प्रधान पति और ने अपने और अन्य परिवारी जनों के नाम मस्टररोल भरकर मनरेगा व पंचम राज्य वित्त व पंद्रहवां राज्य वित्त से मजदूरी का भुगतान करा लिया है।रोजगार सेवक ने भी परिवारी जनों के नाम भुगतान कराया है।मेहमानपुर ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत पर बीडीओ सिंहपुर विजय कुमार अस्थाना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।फिर भी प्रकरण गंभीर है शिकायत मेरे स्तर तक पहुंचते ही जांच कराई जाएगी।