106 बच्चों को चिन्हांकित कर सीडब्लूसी द्वारा की गई कार्यवाही
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शाहजहांपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, महिला एवं बाल विकास विभाग, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ओं एवं वन स्टाॅप सेटर आदि की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश दिये कि पीड़िताओं का चिकित्सकीय परीक्षण तत्काल कराया जाये, विलम्ब हेतु उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) में रह रहे बच्चों के कौशल विकास प्रशिक्षण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्रचार्य आई0टी0आई0 को दिये। बाल विवाह की रोकथाम हेतु की जा रही कार्यवाहियों की चर्चा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि हेल्पलाइन नं0 181,1098,1090 एवं 112 आदि नम्बरों का ग्राम पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाये। लोगो को बाल विवाह के दूषित परिणामों एवं सरकार द्वारा की गयी सजा/दण्ड के प्रविधान के विषय में जागरूक किया जाये।
जिलाधिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट पर कार्यशालाएं आयोजित कराये जाने तथा अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रो की आकस्मिक जांच कराये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जघन्य अपराध है। जिलाधिकारी ने पाॅक्सो एवं चाइल्ड लेवर के प्रकरणों में चिकित्सीय परीक्षण में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुये चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नियत समयनुसार उनका मेडिकल किया जाये। सहायक श्रमायुक्त नासिर खान ने बाल श्रम उन्मूलन के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही से जिलाधिकारी को अवगत कराते हुये बताया कि 106 बच्चों को चिन्हांकित किया गया था जिस पर सीडब्लूसी द्वारा कार्यवाही की गयी है।
जिलाधिकारी ने बस स्टाॅप, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर चाइल्ड लेवरों को चिन्हांकित करते हुये कार्यवाही करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान अपर जिला जजध्सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पियूष तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह, जिला प्रोवेशन अधिकारी गौरव मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द रस्तोगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।