चार हजार वर्गमीटर में बनेगा खूबसूरत म्यूजियम,15 वीं,16 वीं सदी का दिखेगा आध्यात्मिक दृश्य
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वाराणसी। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’। संत शिरोमणि गुरु रविदास के ऐसे अनेक अनमोल विचार अब आप सभी को उनके संग्रहालय में सुनाई और दिखाई देंगे। योगी आदित्यनाथ की सरकार वाराणसी/काशी में उनके जन्म स्थल सीर गोवर्धनपुर में भव्य और आधुनिक संग्रहालय बनवाने जा रही है।24 करोड़ रुपए की लागत से 4 हज़ार वर्ग मीटर में यह संग्रहालय बनाया जायेगा।
संत रविदास के अनुयायी भारत समेत पूरी दुनिया में हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां शीश नवाने आ चुके हैं। पी एम के अलावा हर साल संत रविदास की जयंती पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी संत शिरोमणि के दरबार में पहुंचते हैं। भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश राज्य समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा कनाडा, जर्मनी आदि विदेशी देशों में भी संत रविदास के अनुयायी करोड़ों की संख्या में हैं। जो हर साल बहुत बड़ी तादात में वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर स्थित उनकी जन्मस्थली पर मत्था टेकने आते हैं।
संत के संग्रहालय में बनेगी पांच बड़ी गैलरी
संत ,महात्माओं,योगियोंकी धरती काशी में योगी आदित्यनाथ की सरकार संत शिरोमणि रविदास के जीवन पर आधारित आधुनिक म्यूजियम बनाने जा रही है। इस संग्रहालय के जरिए संत शिरोमणि की आध्यात्मिक विरासत को संजोया जाएगा। यह संग्रहालय आपको 15वीं-16 सदी में वापस ले जाएगा। उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर में उनके जीवन और दर्शन पर आधारित संग्रहालय में 5 बडी गैलरी बनेंगी। संत रविदास जी की विरासत, उनका जीवन, शिक्षाएं और रचनाओं का सजीव चित्रण करने वाला संग्रहालय उनके सम्पूर्ण जीवन और दर्शन के बारे में बताएगा।
संत रविदास के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की मिलेगी जानकारी
संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि डिजिटल फोटो और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी उपलब्ध होगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह संग्रहालय काफी इंटरेक्टिव होगा।जिसमे संत शिरोमणि के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की जानकारी भी शामिल होगी। संग्रहालय में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान के बारे में जानकारी संजोई जाएंगी। रैदास द्वारा दी गई शिक्षा, उपदेश और रचना के बारे में गैलरी में विशेष स्थान दिया गया है।जिससे आने वाली नई पीढ़ी भी उनके विचारों को जान सके। ग्राफ़िक्स और ऑडियो वीडियो के माध्यम से उनके साहित्यिक संकलन को दर्शाया जाएगा।श्री सिंह ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।इसके बाद संग्रहालय निर्माण का काम शुरू होगा।
लैंडस्केपिंग के जरिए खूबसूरत बनेगा म्यूजियम
उन्होंने बताया कि लैंडस्केपिंग के माध्यम से म्यूजियम को और खूबसूरत बनाया जाएगा।प्रशासनिक भवन, जन सुविधा के इस्तेमाल की चीजें, कैफेटेरिया, सोविनियर शॉप, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए उपयुक्त स्थान भी यहां बनाया जायेगा।