वर्तमान पेराई सत्र में प्रदेश के गन्ना किसानों को अब तक रू.9144 करोड़ का भुगतान
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लखनऊ (लोकदस्तक ब्यूरो)।
उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने रविवार को बताया कि वर्तमान गन्ना पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य का प्रदेश के गन्ना किसानों को त्वरित भुगतान किये जाने के लिए चीनी मिलों को कड़े निर्देश दिये गये हैं।गन्ना मूल्य भुगतान की नियमित समीक्षा भी की जा रही है। त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के दृष्टिगत पेराई सत्र 2022-23 के देय गन्ना मूल्य के नियमानुसार त्वरित भुगतान हेतु निर्गत निर्देश के अधीन रू.9144 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया गया है। पेराई सत्र 2021-22 के अवशेष गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान कराने के लिये भी सतत् समीक्षा की जा रही है।
गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा पेराई सत्र 2022-23 में रू.9,144.30 करोड़, पेराई सत्र 2021-22 में रू.33,956.78 करोड़, पेराई सत्र 2020-21 में रू.33,005.52 करोड़ पेराई सत्र 2019-20 में रू.35,898.85 करोड़, 2018-19 में रू.33,048.06 करोड, 2017-18 के रू.35,444.06 करोड़ का भुगतान कराने के साथ-साथ गत पेराई सत्रों का रू.10,662.42 करोड़ सहित अब तक कुल रू.1,91,159.98 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों को कराया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि भुगतान में लायी गयी तेजी से प्रदेश की 97 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2021-22 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया गया है, जिनमें बलरामपुर, बिरला, डी.सी.एम., डालमियां, धामपुर, द्वारिकेश, आई.पी.एल., मवाना, राणा, त्रिवेणी, उत्तम एवं वेब समूहों द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है एवं एकल चीनी मिलों की 17 चीनी मिलों में से 14 चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। बकायेदार मिलों में से 6 चीनी मिलों का 80 प्रतिशत से अधिक भुगतान हो चुका है तथा 5 चीनी मिलों का भुगतान 90 प्रतिशत से अधिक है। अब केवल कुछ ही चीनी मिलों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान अवशेष है।
गन्ना आयुक्त ने यह भी कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक हितों के संवर्धन तथा सर्वागीण विकास के लिये कृत संकल्पित है।