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मासूम के हत्यारों को मिली उम्र कैद की सजा, छप्पन लाख जुर्माना

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सुलतानपुर।

बहुचर्चित कटका हत्याकांड में मासूम के हत्यारों को उम्र-कैद की सजा सुनाई गई है I जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चारों पर छप्पन लाख का जुर्माना भी ठोंका I चार वर्ष पूर्व स्कूल गए मासूम श्रेयांश व दिव्यांश का अपहरण हुआ था I  50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी,श्रेयांश को फावड़े से मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था और दिव्यांश को भी लहूलुहान कर दिया I

गोसाईगंज पुलिस ने अपने ही मालिक के बच्चों का अपहरण कर हत्या करने व जानलेवा हमला करने के मामले में एक किशोर समेत पांच की संलिप्तता बताते हुए चार्जशीटेड किया था I चार के खिलाफ फैसला आया जबकि पांचवें अभियुक्त किशोर का ट्रायल चल रहा है I ये अपराध विरलतम श्रेणी में आता है I

इसमे सभी को फांसी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन कोर्ट ने उम्र कैद की ही सजा सुनाना माना अभियोजन पक्ष के निजी वकील ने कहा  अपील करेंगे I बहुचर्चित कटका अपहरण व हत्याकांड में जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो दिन पूर्व दोषी ठहराये गये चारों दोषियों की सजा पर अपना फैसला सुनाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने सभी दोषियों को उम्र-कैद एवं 14 -14 लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

मालूम हो कि 20 दिसंबर 2018 को गोसाईगंज थाने के कटका बाजार निवासी मासूम श्रेयांश व दिव्यांश का स्कूल गये होने के दौरान अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में बच्चों के परिवार से बदमाशों ने 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बच्चों के अपहरण व फिरौती की सूचना मिलने के बाद पुलिस काफी सक्रिय हो गई,जिसके बाद फिरौती न मिलने व फंस जाने की डर की वजह से आरोपी करौंदिया इलाके में आकर छिप गये थे,जहां आरोपियों ने बेदर्दी पूर्वक श्रेयांश को फावड़े से मारकर मौत के घाट उतार दिया था और दूसरे बच्चे दिव्यांश को भी गंभीर रुप से घायल कर दिया था।

उस समय इस घटना को सुनकर पूरा जिला सहम गया था,सभी को एक उम्मीद थी कि बस जल्द से जल्द इस मामले के दोषियों को फांसी की सजा हो जाय। मामले में गोसाईगंज पुलिस ने अपने ही मालिक के बच्चों का अपहरण कर हत्या करने व जानलेवा हमला करने के मामले में नौकर रघुवर यादव, सह आरोपी सूरज, रूद्रेश भारद्वाज, शिवपूजन शर्मा एवं एक किशोर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

मामले को शीघ्र निपटाने व दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए अभियोगी राकेश कुमार की सक्रियता से शुरू से अभियोजन पक्ष हर सम्भव पैरवी करता रहा। अभियोजन पक्ष की कड़ी पैरवी का ही नतीजा रहा कि मामले में धीरे-धीरे चार वर्ष बीत गये और केस का ट्रायल भी पूरा हो गया ,पर मात्र आरोपी रुद्रेश को छोड़ किसी भी आरोपी को जमानत तक नहीं मिल सकी।

मुकदमे में गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी जिंदगी सलाखों के पीछे कट रही है और केस की गम्भीरता के मुताबिक दोषियों को कहीं से राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है। इस मामले का ट्रायल जिला एवं सत्र न्यायालय में चला। जिसमें अभियोजन पक्ष से पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह,अभियोगी के निजी अधिवक्ता रणजीत सिंह ‘त्रिसुंडी’ व प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता राम अचल मिश्र ने पैरवी की और अपने समस्त साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर सभी आरोपियों को दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की कोर्ट से मांग की।

वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर साबित करने का भरसक प्रयास किया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात बीते 21 दिसम्बर को कोर्ट ने किशोर के अलावा शेष चारो आरोपियों को हत्या सहित अन्य आरोपो में दोषी ठहराया। जिनकी सजा पर सुनवाई के लिए 23 दिसम्बर की तारीख तय की गई थी,जबकि किशोर के सम्बंध में अभी ट्रायल लंबित है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने चारों दोषियों की सजा के बिंदु पर अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें उम्र-कैद एवं कुल 56 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने की सजा सुनाई है।

अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 80 प्रतिशत धनराशि पीड़ित पक्ष को देने का भी आदेश पारित किया है। वहीं इस मामले में दोषियों को मृत्युदंड की सजा दिलाने की उम्मीद लगाए बैठे अभियोजन पक्ष से उम्र-कैद की सजा का फैसला आने पर वार्ता की गई तो प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता रामअचल मिश्रा ने कहा कि अभी वह आदेश का अध्ययन करेंगे उसके बाद ही आगे की कार्रवाई पर कुछ निर्णय लें पाएंगे।

वहीं अभियोगी के निजी अधिवक्ता रणजीत सिंह ‘त्रिसुंडी’ ने कहा कि अपराध विरलतम श्रेणी का था और अदालत ने अपने विवेक के अनुसार उम्र-कैद एवं अधिकतम अर्थदंड की सजा सुनाई है, जिसका सम्मान है लेकिन दोषियों के अपराध के अपराध की प्रकृति के अनुसार उन्हें मृत्युदंड की सजा मिलनी चाहिए,जिसके लिए वह इस फैसले के खिलाफ बड़ी अदालत में अपील की पैरवी करेंगे।

रिपोर्ट-अंकुश यादव

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