मधुमक्खी पालन है फायदे का व्यवसाय – डॉ0 वत्स
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आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा द्वारा 14 से 15 दिसंबर के बीच केंद्र के सभागार मे मधुमक्खी पालन द्वारा आए संवर्धन विषयक कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत आयोजित इस प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि कृषि आधारित रोजगार मे मधुमक्खी पालन व्यवसाय प्रमुख है जिसमें कम समय में बेहतर आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ अजीत सिंह वत्स ने मधुमक्खी पालन की तकनीकी पर चर्चा करते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन करके शहद के साथ ही साथ मोम, मौन विष, रॉयल जेली का उत्पादन करके अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ ओ पी सिंह ने बताया कि खेत एवं बगीचे के आसपास मधुमक्खी के बक्से रखने से परागण क्रिया बढ़ जाती है जिससे उत्पादन बेहतर होता है। जनपद के प्रगतिशील मधुमक्खी पालक श्याम बिहारी ने उपस्थित किसानों को मधुमक्खी पालन की व्यवहारिक जानकारी देते हुए बताया कि ज्यादा शहद उत्पादन एवं बेहतर लाभ लेने के लिए बक्सों को विभिन्न क्षेत्रों में ले जाना होता है जहां पर बिना किसी लागत के मधुमक्खियों के लिए पर्याप्त भोजन मिल जाता है। कार्यक्रम के दूसरे दिन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुरेंद्र सिंह ने शहद के प्रसंस्करण एवं इसके लाभ के बारे में बताया। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कुमार, डॉ भास्कर प्रताप सिंह एवं डॉ देवेश पाठक ने भी जानकारी दिया।