किसान भाई प्रशिक्षण के अनुभव किसानों में बांटे – सहायक प्रसार निदेशक
1 min read
REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS I
पंडित गोबिंद बल्लभ पंत कृषि एवं कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय पंतनगर नैनीताल के सहायक प्रसार निदेशक डा मोहन सिंह ने अमेठी जनपद से प्रशिक्षण भ्रमण पर आए किसानो को सलाह देते हुए कहा कि यहां से वापस जाने के बाद विश्व विद्यालय में मिले प्रशिक्षण और कृषि की नवीनतम तकनीकी की जानकारी अपने आस पास के किसानों में जाकर बाटेंगे तभी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सही मायने में सदुपयोग होगा।
गौर तलब हो कि अमेठी जनपद में संचालित सबमिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनांतर्गत अंतर्राज्यीय सात दिवसीय कृषक भ्रमण एवं प्रशिक्षण हेतु जनपद के विभिन्न विकासखंडों से आए 52 किसानों का एक दल पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर नैनीताल में 12 दिसंबर से भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए किसानों ने सर्वाधिक रुचि मशरूम,सब्जी उत्पादन,औषधीय खेती, पशुपालन एवं मौन पालन में प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ फील्ड भ्रमण किया।
पशुपालन के बारे में किसानों को जानकारी देने वाले विशेषज्ञ डा संदीप तलवार ने बताया कि खेती की आय तभी दो गुनी आसानी से हो सकती है जब खेती के साथ अच्छा पशुपालन भी किया जाय तकनीकी जानकारी के साथ दुग्ध उत्पादन वाला पशुपालन सबसे अच्छा लाभकारी स्वरोजगार साबित हो सकता है।शब्जी उत्पादन के बारे में जानकारी देने वाले विशेषज्ञ डा उपेंद्र सिंह ने किसानो को सब्जी उत्पादन की जानकारी देते हुए बताया कि तकनीकी जानकारी के साथ सब्जी की खेती करेंगे तो कम लागत में अगैती सब्जी तैयार करके किसान भाई अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक डा उपेंद्र ने कहा कि किसान सबसे ज्यादा संतोष करने वाला प्राणी है तभी तो फसल को नुकसान होने के बाद भी किसान खेती करना नहीं छोड़ता।चार दिनों के प्रशिक्षण सत्र में किसानों ने मशरूम,पशुपालन,औषधीय खेती,सब्जी की खेती मधुमक्खी पालन जैसे विषयों पर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से जानकारी हासिल की।
किसानों के दल का नेतृत्व कर रहे जगदीशपुर बीटीएम देवमणि त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के उपनिदेशक कृषि डा लाल बहादुर यादव द्वारा यह किसानों के लिए बनाए गए प्रशिक्षण भ्रमण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि किसान कृषि की नवीनतम तकनीकी सीखकर स्वयं अपनी कृषि में समावेश करें और अपने से जुड़े और आसपास के किसानों को भी सीखी गई नवीनतम कृषि तकनीकी से अवगत कराएं।