गैर इरादतन हत्या में दोषी को मिली 10 वर्ष की सजा व अर्थदंड
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सुलतानपुर।
11 वर्ष पूर्व हुए गैर इरादतन हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने आरोपी वीरेंद्र साहू को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के घरहा खुर्द इलाके से जुड़ा है। जहां पर 27 अगस्त 2011 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी अशोक कुमार यादव ने कोतवाली नगर में जुबानी सूचना देकर एनसीआर दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक पास के ही जयकुमार को बुलाने की बात को लेकर जय कुमार की मां के कहने पर आरोपी सगे भाई महेंद्र साहू व वीरेंद्र साहू ने अभियोगी के लड़के अमित यादव को लाठी-डंडे व सरिया से हमला कर गंभीर चोटें पहुंचाई थी। अभियोगी के मुताबिक अमित यादव के सिर व सीने पर काफी चोट आई थी। अस्पताल में इलाज के लिए अमित को भर्ती कराया गया था, मामले में तफ्तीश के दौरान पहले भादवि की धारा-308 की बढ़ोतरी की गई। पर इलाज के दौरान अमित की मृत्यु हो गई, जिसके चलते भादवि की धारा- 308 परिवर्तित कर आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा-304 में आरोप-पत्र तैयार हुआ और अदालत में दाखिल किया गया। इस मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम की अदालत में प्रारम्भ हुआ। विदित हो कि विचारण के दौरान आरोपी महेंद्र साहू की मृत्यु हो गई, जिसके चलते अकेले वीरेंद्र साहू के खिलाफ विचारण चला। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह ने अपने साक्ष्यो एवं गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपी वीरेंद्र को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने आरोपी वीरेंद्र साहू को भादवि की धारा-304 समेत अन्य में दोषी करार दिया। दोषी को अदालत ने अपराध की प्रकृति के अनुसार 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।