बढ़ती हुई जनसंख्या पर्यावरण असंतुलन का प्रमुख कारक
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अमेठी। रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमेठी के भूगोल विभाग में पर्यावरण एवं मानव विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज के भूगोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं पर्यावरण वन्यजीव संरक्षण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार के सदस्य प्रोफेसर बी एन सिंह छात्र छात्राओं को पर्यावरण और मानव के संबंधों में अपने विचारों से अवगत कराया।
प्रोफ़ेसर बी एन सिंह ने अपने वक्तव्य में बढ़ती हुई जनसंख्या को पर्यावरण असंतुलन का प्रमुख कारक बताया तथा यह भी सचेत किया की जिस तरह विकास की अंधाधुंध दौड़ में हम प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहे हैं आने वाले समय में अपने लिए संकट खड़ा कर रहे हैं। अतः हमें प्रकृति के निकट रहकर ही मनुष्य का कल्याण करना होगा मनुष्यता को बचाना होगा अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब प्रकृति विभिन्न महामारी के रूप में हमारे सामने चुनौतियां पेश करेगी। इस अवसर पर भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ उमेश सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बताया मनुष्य और पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक हैं ।अतः प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलना ही समझदारी है क्योंकि आने वाले समय में बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन पानी का संकट ना हो इसी क्रम में विकास करना होगा इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य ने जलवायु परिवर्तन की तरफ इशारा करते हुए प्रकृति को समझने और सवारने की आवश्यकता पर बल दिया उन्होंने बताया कि जिस तरह आज हम आधुनिकता की दौड़ में हम विकास की ओर उन्मुख हो रहे हैं उसमें अनेक जीवो का अस्तित्व संकट में आ रहा है इसी क्रम में महाविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रोफेसर राधेश्याम तिवारी ने वातावरण और मनुष्य के आपसी संबंधों का जिक्र करते हुए बताया कि दोनों का अपना अलग-अलग महत्व है। मनीष वर्मा ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए पर्यावरण संयोजन पर बल दिया और बताया की विकास को पर्यावरण के विनाश के रूप में नहीं किया जा सकता इस अवसर पर डॉ शिवकरन सिंह, सुश्री स्मृति पांडेय, डॉ संतोष कुमार सिंह ,डॉ मानवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, डॉ कयूम खान आदि शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।