सास प्रधान और बहू उचित दर विक्रेता, हड़पा जा रहा राशन
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अमेठी I
तिलोई में शनिवार को आयोजित तहसील दिवस में अपर जिलाधिकारी के समक्ष एक ऐसी शिकायत आई कि सासू प्रधान और बहू उचित दर विक्रेता है प्रधान का प्रतिनिधि प्रधान का वही बेटा है जो उचित दर विक्रेता का पति और स्वयं ही कोटेदारी का कार्य भी देखता है।प्रधान प्रतिनिधि और कोटेदार प्रतिनिधि एक ही है तो राशन कार्ड धारकों का शोषण भी तय है।चूंकि प्रधान प्रतिनिधि अनुसूचित के हैं इसलिए यदि कोई शिकायत करता है तो दलित उत्पीड़न का मुकदमा भी लिखवा देते हैं इसलिए कोटेदार और प्रधान के शोषण की शिकायत भी करने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता। पीड़ित द्वारा राशन वितरण में की जा रही धांधली की शिकायत ग्रामीण द्वारा एडीएम से की गई तो मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी अजीतसिंह ने मामले की गंभीरता से जांच करने के लिए उपजिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि एक ही रक्त समूह में प्रधान और कोटेदार कैसे हो सकता है।
तहसील क्षेत्र के रतवलिया मंझार गांव के कूटी गांव निवासी हंसराज पाल ने समाधान दिवस में दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि गांव सभा के किसी भी मजरे में एक भी सामान्य परिवार नहीं है फिर भी आधा दर्जन से अधिक राशन कार्डों में दूसरे सामान्य जाति के लोगों के आधार कार्ड जोड़कर राशन हड़पा जा रहा है। मृतक राशन कार्ड धारकों के कार्ड में फर्जी आधार जोड़कर राशन हड़पा जा रहा है। बड़ी संख्या में फर्जी आधार जोड़कर बीते कई सालों से हर माह मिलने वाले राशन को ठिकाने लगाया जा रहा है।वहीं शिकायत कर्ता हंसराज ने लिखा है कि मेरे पिता का नाम राशनकार्ड में इसलिए नहीं जोड़ा गया क्योंकि वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पेंशन धारक हैं।जबकि ग्राम प्रधान के नाम भी राशन कार्ड बना हुआ था जिसे शिकायत के बाद डिलीट किया गया प्रधान का एक पुत्र शिक्षक है और प्रधान के राशन कार्ड में सहायक अध्यापक के बेटे की पत्नी का नाम दर्ज कर राशन हड़पा जा रहा था जिसे शिकायत के बाद डिलीट किया गया।यही नहीं शिकायत कर्ता है कि गांव की कोटेदार कंचन लता ने स्वयं अपने नाम राशन कार्ड बना रखा था जिसकी शिकायत के बाद डिलीट किया गया।लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जो कहां तक उचित है।शिकायत करता हंसराज पाल ने लिखा है कि मेरे द्वारा शिकायत की गई तो प्रधान व कोटेदार प्रतिनिधि ने मेरे विरुद्ध झूठा दलित उत्पीड़न का मुकदमा पंजीकृत करा दिया। शिकायत करता ने उचित दर विक्रेता की गंभीरता से अपर जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की है।