भ्रष्टाचार को उजागर करना शिकायतकर्ता को पड़ा महंगा
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ग्राम पंचायत में जांच करने पहुंची टीम
अमेठी । केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर एक तरफ जहां पूरी ईमानदारी से काम करने के दावे के साथ ही लगातार आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर रही है I वही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के वीवीआइपी संसदीय क्षेत्र में भ्रष्टाचार की शिकायत करना एक निर्वाचित प्रतिनिधि को भारी पड़ रहा है। मामला जिले के बाजार शुक्ल विकास खंड की ग्राम पंचायत एक्का ताजपुर में ग्राम पंचायत के खाते की धनराशि के उपयोग में वित्तीय अनियमितता के आरोपों को लेकर है । मिलीभगत के चलते शिकायतकर्ता को भी अधिकारियों के कोपभाजन बनना पड़ रहा है।
दरअसल अमेठी जिले के विकास क्षेत्र ग्राम पंचायत एक्का ताजपुर में तत्कालीन ग्राम प्रधान व उनके पंचायत सचिव द्वारा कराए गए कार्यों में अनियमितता व गबन की शिकायत गांव के निवासी सुरजीत यादव द्वारा की गई ।वर्ष 2013 में उनके द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध छेड़ी मुहिम के तहत सुरजीत यादव लगातार ग्राम पंचायत एक्का ताजपुर से संबंधित 20 बिंदुओं की शिकायत करते हुए करीब 10 लाख से ऊपर की धनराशि में गड़बड़ी की शिकायत बीते तीन वर्षो से की जाती रही है। हालांकि उनकी इस मुहिम के बाद 2021 में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी विमला देवी एक्का ताजपुर ग्राम पंचायत की प्रधान निर्वाचित होने में कामयाब रही। उनकी मुहिम का नतीजा रहा है डीएम के निर्देश पर गठित दो सदस्यीय जांच टीम ने पूर्व प्रधान और उनके पंचायत सचिव को दोषी ठहराया।जिसके बाद गत अगस्त महीने में ही पूर्व प्रधान व सचिव से 159532 रुपए की धनराशि की वसूली के लिए नोटिस जारी की गई थी। जिला कृषि अधिकारी व सहायक अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण अमेठी द्वारा की गई जांच में सुरजीत यादव की पत्नी ग्राम प्रधान विमला देवी पंचायत सचिव मुकेश कुमार को राज्य वित्त से कराए गए कार्यों के भुगतान में दोषी ठहराया है।सुरजीत यादव के अनुसार मजदूरों की मजदूरी में देरी के कारण उन्होंने मजदूरों को नकद राशि भुगतान की थी ।

इक्काताजपुर वर्तमान प्रधान विमला देवी पर आरोप है कि मजदूरी का पैसा स्वयं के खाते में ले लिया, जिसके संबंध में वर्तमान प्रधान द्वारा कारण बताओ नोटिस के माध्यम से जबाव दिया गया कि ग्राम पंचायत में सचिव पवन लाल द्वारा लगातार विद्यालय में शौचालय निर्माण कराने का दबाव बनाया जा रहा था शौचालय बनवा दिया गया मजदूरों को तीन माह तक मजदूरी का भुगतान न मिलने पर मजदूरों को प्रधान द्वारा लगातार मांग एवं मजदूरों की समस्या को देखते हुए नक़द भुगतान दे दिया गया, मजदूरी भी उतनी दी जितनी एमबी हुई। एमबी बराबर ही स्वयं के खाते में भुगतान ले लिया है।कुर्सी मेज क्रय का पैसा फर्म को न भेजकर व्यक्तिगत खाते में बिना कोटेशन भुगतान करने का भी आरोप है, इस संबंध में भी समय पर भुगतान न होने के कारण नगद भुगतान किया है उतनी ही धन व्यक्तिगत खाते में भेजा गया है जहां तक कोटेशन का आरोप है शासनादेश के मुताबिक 20 हजार से कम के भुगतान पर कोटेशन की आवश्यकता नहीं होती। सुरजीत यादव के मुताबिक कार्य टुकड़े में कराने का आरोप पर कहा कि निर्माण कार्य नाली खडण्जा, सड़क आदि टुकड़े में नहीं कराया जा सकता, जबकि लाइट , बेंच आदि आवश्यक के अनुसार तीन बार में खरीदी गई है, यह भी फर्जी आरोप है। उन्होंने इस तरह के आरोपों को नकारते हुए बताया कि उनकी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को रोकने की कोशिश है। इसके साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे खारिज करते हुए कहा कि उनके द्वारा जनता के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए कृत संकल्पित है। वर्तमान प्रधान द्वारा पैसे का भुगतान भले ही शासनादेश के विपरीत किया हो परंतु पैसे का दुरुपयोग नहीं किया गया। इस मद में भुगतान किया गया उस मद में कार्य भी कराया गया है तो गबन का आरोप भी फर्जी है एवं गबन के केस में मुकदमा भी फर्जी ही दर्ज किया गया है। सुरजीत यादव के मुताबिक उनके द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के 20 बिंदुओं में से मात्र 06 बिंदुओं पर ही जांच टीम ने जांच की है ।शेष अन्य 14 बिंदुओं को संज्ञान नहीं लिया गया है। जिसका ज़बाब जिम्मेदार अधिकारी ही दे सकते हैं । फिलहाल आरोप प्रत्यारोप के बीच डीएम राकेश कुमार मिश्र के निर्देश गठित दो सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर बाजार शुक्ल के एडीओ पंचायत सुरेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर पूर्व प्रधान व सचिव के साथ ही वर्तमान प्रधान व उनके सचिव पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।