बिना पैथोलॉजिस्ट के चल रहे पैथोलॉजी,जिम्मेदार कौन!
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सुल्तानपुर I इन दिनों प्रतिदिन सैंकड़ों मरीज अवैध पैथोलॉजी के जाल में फंसकर आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। अवैध पैथोलॉजी के कारोबार में समाज के नामी गिरामी लोग भी शामिल हैं। लिहाजा इनके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करने से कतराता है। जनपद के मरीजों की जिंदगी पूरी तरह भगवान के रहमोकरम पर निर्भर है।आलीशान बिल्डिंग से लेकर झुग्गी झोपड़ी तक में डॉक्टरों और नर्सिंग होम के बोर्ड लगे हुए हैं जहां मरीजों का आर्थिक शोषण जारी है। जिला मुख्यालय ही नहीं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी क्लिनिक और पैथोलॉजी की भरमार है। 20 % डॉक्टरों के पास ही वैध डिग्री है I सूत्र बताते हैं कि जितने भी डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं उसमें लगभग 20 फीसदी चिकित्सकों के पास ही वैध डिग्री है। इसके अलावा अजब गजब डिग्री की बोर्ड और विश्वविद्यालय या संस्था के भी नाम लिखा हाेता है। फर्जीवाड़े के खेल से विभागीय अधिकारी भी बखूबी वाकिफ हैं। बावजूद इसके ऐसे पैथोलॉजी के विरुद्ध न तो कभी जांच की गई है और न ही इन पर नकेल कसने के लिए कोई कार्रवाई ही की गई है।चलता है कमीशन का खेल सूत्रों की मानें तो ऐसे अवैध क्लिनिक और जांच घर से मोटी कमीशन खास लोगों को दी जाती है। जो इसका संरक्षण करते हैं। लिहाजा इन लोगों पर कभी आंच नहीं आती है। फर्जीवाड़ा का खेल ऐसा है कि चिकित्सक भले ही अन्यत्र कहीं नौकरी में कार्यरत हों उनके नाम का बोर्ड फर्जी क्लिनिकों पर लगा रहता है। ताकि जांच के दौरान क्लिनिक संचालक जवाब दे सके। ऐसे क्लिनिकों व नर्सिंग होम में धड़ल्ले से ऑपरेशन भी किए जाते हैं। अधिकांश लैब मानकों नहीं है I इन्हें लोगों की जान से खिलवाड़ करने की इजाजत कौन दे रहा है I आपने कभी सुना है कि बिना मानकों के पैथोलॉजी संचालन किए जा रहे हैं I और इन पर स्वास्थ्य विभाग की कोई जांच या छापेमारी की गई हो I जब किसी प्रकार की शिकायत होगी तभी ऐसा होता है I वरना इन्हें तो हाकिम ने जुबानी लाइसेंस जो दे रखा है मोटी सुविधा शुल्क लेकर कि जाओ जनता को जितना लूट सके लूट लो I अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी की गलत रिपोर्टों का शिकार न जाने कितने लोग बन चुके होगे, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है I