डॉ फूलकली श्रेष्ठ यू.पी.रत्न अवार्ड से सम्मानित
1 min readलखनऊ I
अमेठी सहित सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि डॉ फूलकली पूनम यशस्वी प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी, अमेठी प्रख्यात शायरा, कवयित्री और कहानीकार को आज 30 अक्टूबर को होटल डैमसन प्लम लखनऊ में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक प्रदेश सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में उनके कर कमलों द्वारा श्रेष्ठ यू.पी.रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया I डॉ फूलकली ने शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किया है वह अपने आप में स्वयं कई गौरवगाथा समाहित किये हुए है I राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी में प्रवक्ता पदभार ग्रहण करते ही उन्हें यह महसूस हो गया था कि इस जर्जर व्यवस्था को सुधारना उनका महत्वपूर्ण शासकीय दायित्व है,जब उन्होंने विद्यालय में छात्र हित और विद्यालय हित में सुधार करने प्रारंभ किये तो लगभग विद्यालयी विरोध और समाज के अराजकतत्वों से एक लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी I लेकिन कहते हैं कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता है I डॉ फूलकली ने ठान लिया था कि विद्यालयी व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े तो कुबूल है लेकिन शासकीय दायित्वों से प्रमाद स्वीकार नहीं है I उनके इस हाड़तोड़ संघर्ष को देखकर प्रारंभ में ऐसा प्रतीत होता था कि यह कार्य उनके लिए असम्भव है लेकिन देखते ही देखते विद्यालयी उन्नयन में वे कालजयी इबारत लिखती गयीं और आज जब हम सभी पीछे मुड़कर देखते हैं तो जैसे यह भागीरथ प्रयत्न कल का ही प्रतीत होता है I पिछले 21 वर्षों में डा. फूलकली ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी पर अपनी ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि यह विद्यालय उनके नाम से ही परिभाषित होने लगा। अभिभावकों ने उनके प्रत्येक कार्य पर पूर्ण भरोसा दिखाया और साथ ही जब भी उन्हें आवश्यकता पड़ी उनके साथ प्रमुख सहयोगी की भूमिका में खड़े रहे। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिभा का लोहा सम्पूर्ण समाज को मनवाकर डॉ फूलकली ने यह सिद्ध कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाले को ही दुनिया असाधारण कहती है शेष तो सभी मनुष्यों की वाह्य संरचना एक जैसी ही प्रतीत होती है। एक विपन्नावस्था वाले परिवार में जन्म लेकर अपनी शक्ति सामर्थ्य से वह कर दिखाया जो कुलीन और आर्थिक रूप से अत्यधिक सशक्त लोगों के लिए सम्भव नहीं हो पाता। आज उनका व्यक्तित्व हर व्यक्ति के लिए ऊर्जा का अक्षय स्रोत बना हुआ है जो भी उनके सानिध्य में आता है उनके विराट व्यक्तित्व का कायल हो जाता है। सबसे बड़ी बात विद्यालय की हर छात्रा उनके नेतृत्व में अपना स्वर्णिम भविष्य देखती है। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व सिर्फ शिक्षा क्षेत्र का ही होकर नहीं रहा बल्कि साहित्य, क्रीड़ा, स्काउट गाइड,नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण, लैंगिक समानता,कोबिड19 एवं अन्य अनेकों सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी आभा बिखेर रहा है। गीत और ग़ज़लों के क्षेत्र में भी उनका कोई सानी नहीं है लगभग 3500 ग़ज़लों और 500 गीतों के द्वारा साहित्यिक क्षेत्र को वह ऊंँचाई प्रदान किया है जहांँ से आने वाली पीढ़ियांँ शीर्षस्थ होकर साहित्य का रसास्वादन करेंगी और आगे की पीढ़ियों में भी स्थानांतरित करती रहेंगी,जब साहित्य आम जनमानस के मनोभावों में ढल जाता है तो ही कालजयी कहलाता है।हम समस्त अमेठी वासियों की शुभकामना है कि डॉ फूलकली ऐसे ही सफलता के सोपानों पर चढ़कर राष्ट्रहित में अपना सर्वश्रेष्ठ देती रहें।