लघु फिल्म “पोषणगत एनीमिया’ के माध्यम से महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
1 min readलघु फिल्म “पोषणगत एनीमिया’ के माध्यम से बालिकाओं एवं गर्भवती को एनीमिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है। लघु फिल्म पोषण गत एनीमिया में गांव की एक लड़की सुमन चक्कर खा कर गिर जाती है, गांव की अम्मा उसके चेहरे पर
पानी का छिड़काव करती है और सुमन उठ जाती है, उसके बाद उसे स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर एएनएम को दिखाती है, तब पता चलता है की सुमन को खून की कमी है, लघु फिल्म के माध्यम से एनीमिया से बचने के बारे में बताया जाता है। एक लड़की यदि जीवन चक्र की किसी भी अवस्था में कुपोषित होती है तो उसका प्रभाव उसके जीवन में आने वाली हर अवस्था को प्रभावित करता है। इसलिए इस समय संतुलित व पर्याप्त भोजन करना अत्यंत आवश्यक है। जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम प्रसाद ने
बताया कि बालिकाओं में एनीमिया माहवारी के कारण खून की कमी से हो जाती है। इसके लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, गर्भधारण या शिशु के जन्म के पश्चात एनीमिया बेहद सहजता से उत्पन्न हो जाती है, जो अनदेखा करने पर बेहद घातक साबित हो सकती है।
उन्होंने बताया कि इसको लेकर लोगों को न सिर्फ इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है, बल्कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव-गांव जाकर खून की कमी यानी एनीमिया दूर करने के लिए आयरन की गोली व प्रोटीन युक्त आहार के विषय मे जागरूक किया जा रहा है. साथ-साथ घरेलू उपायों की सलाह भी दी जा रही है।
खून की कमी के लक्षण-
> सांस लेने में दिक्कत होना
> थकान
>हाथ-पैर ठंडे होना
>त्वचा में पीलापन
>कमजोरी
>चक्कर आना
>सिरदर्द
>दिल की अनियमित धड़कन