ब्रिटेन पर चलेगा भारतीय ऋषि का राज
1 min readभारतीय मूल के ऋषि सुनक (42) ने इतिहास रचते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीत लिया है Iकंजर्वेटिव पार्टी ने दिवाली के दिन ऋषि सुनक को अपना नेता चुना। वह यूके का पीएम बनने वाले पहले एशियाई मूल के व्यक्ति हैं।
ऋषि सुनक ने अपने प्रतिद्वंद्वी पेनी मोरडांट पर जीत हासिल की है I सोमवार को पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन भी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ से खुद ही बाहर हो गए, जिसके बाद यह तय हो गया था कि अब चुनाव ऋषि सुनक के ही पाले में चला गया है I ब्रिटेन की राजनीति के लिए भी यह बड़ा दिन है, क्योंकि पिछले तीन महीने में ही ऋषि सुनक ऐसे तीसरे शख्स हैं, जो देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं I ऋषि सुनक को 200 सांसदों के समर्थन मिलता देख कर पेनी मोरडांट ने मात्र 26 सांसद का मिलने से अपना पीएम की रेस अपना नाम वापस ले लिया I इससे सुनक का रास्ता साफ हो गया I और इस तरह ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया है I अब 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद शपथ ग्रहण कर सकते हैं I बताते चलें कि मात्र 45 दिन लिज ट्रस ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बन कर सबसे कम समय तक रहने वाली प्रधानमंत्री बनी I सितंबर के पहले हफ्ते 05 सितंबर को ऋषि सुनक को हरा कर लिज ट्रस प्रधानमंत्री चुनी गई थी I
ऋषि सुनक कौन है
ऋषि सुनकर का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्प्टन शहर मे हुआ था I इनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं I जो पूर्वी अफ्रीका में रहते थे , बाद में ब्रिटेन चले आए I ऋषि अपनी पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज में की थी। इन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में पूरी की। इसके बाद फूलब्राइट प्रोग्राम के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त कर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से इन्होंने एमबीए की डिग्री प्राप्त की। स्टैनफोर्ड में पढ़ाई करने के दौरान इनकी मुलाक़ात इंफोसिस के फाउंडर और व्यापारी एनआर नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी। जिनसे 2009 में शादी कर ली I इनके दो बेटियां कृष्णा, अनुष्का हैं I अक्षता मूर्ति ब्रिटेन की अमीर महिलाओं में गिनी जाती हैं I
ऋषि सुनक का राजनीतिक कैरियर
ऋषि सुनक पहली बार यॉर्कशायर के रिचमंड से 2015 में सांसद चुने गए I वे 2017 एवं 2019 में भी सांसद बने I 2016 में ऋषि सुनक ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया I थेरेसा मे के इस्तीफा देने के बाद, सुनक ने बोरिस जॉनसन के कंजरवेटिव नेता बनने के अभियान का समर्थन किया और जॉनसन ने प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद सुनक को ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया I चांसलर के रूप में, सुनक ने यूनाइटेड किंगडम में COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर सरकार की आर्थिक नीति पर प्रमुखता से काम किया। 5 जुलाई 2022 को अपने त्याग पत्र में जॉनसन के साथ अपनी आर्थिक नीति के मतभेदों का हवाला देते हुए सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया। सुनक का इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव जाविद के इस्तीफे के साथ, एक सरकारी संकट के बीच जॉनसन के इस्तीफे का कारण बना।
ऐसा क्या हुआ कि लिज ट्रस को हटना पड़ा
ट्रस टैक्स कटौती का चुनाव वादा करके ही सितंबर की शुरुआत में पीएम बनीं थीं। हालांकि जब 23 सितंबर को वह मिनी बजट लाईं तो उसमें किए गए प्रावधानों ने वित्तीय बाजार में ऐसी हलचल मचाई कि ट्रस को वित्ती मंत्री को ही बर्खास्त करना पड़ा। ट्रस ने 6 सितंबर को पीएम पद संभाला था और 23 सितंबर को उनके वित्त मंत्री क्वासी क्वारतेंग जो मिनी बजट लाए, उसमें 45 अरब की टैक्स कटौती की बात कही गई। अमीरों के लिए टैक्स में 45% तक की कटौती की गई जबकि गरीबों के लिए कुछ खास नहीं था। इससे आगामी हफ्तों में वित्तीय बाजार में अस्थिरता आ गई। हालात इस कदर बिगड़ गए कि वित्त मंत्री को आनन-फानन में हटाना पड़ा। नए वित्त मंत्री ने आते ही बजट प्रावधानों को ही वापस ले लिया। इससे ट्रस सरकार पर सवाल उठ गए कि न तो वह अपने चुनावी वादे पर टिकी रह पाईं और न ही उनके पास कोई ऐक्शन प्लान था। इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर ही उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया। पहले वित्त मंत्री, फिर भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा क्या दिया, खुलेआम कह दिया कि पीएम अपने चुनावी वादे पर नहीं टिकी रह सकीं। इससे ट्रस सरकार पूरी तरह अस्थिर हो चली।और लिज को भी अपने पद से मात्र 45 दिन में हटना प़डा I
कंजरवेटिव पार्टी ने भारतीयों को दिया ऐतिहासिक दिवाली गिफ्ट
कंजरवेटिव पार्टी ने ऋषि सुनक को नेता चुनकर और प्रधानमंत्री पद के लिए रास्ता साफ किया I ये क्षण भारतीयों के लिए गौरव की बात है I दिवाली के दिन ही कंजरवेटिव पार्टी ने ऋषि सुनक को पार्टी का नेता चुना I भारतीयों को इससे बड़ा दिवाली गिफ्ट और क्या हो सकता है I इस बात से और मायने रखता है कि जिस देश ने भारतीयों को 200 वर्ष गुलाम बना कर रखा, आज उसी भारतवंशी बेटा उन पर ही राज करेगा I इससे बड़ा गौरव की बात क्या होगा I