बिना हाथ धोये खाद्य पदार्थो का सेवन न करे
1 min readग्लोबल हैण्ड-वॉशिंग डे’ के मौके पर सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही हेल्थ वेलनस सेंटर पर लोगों को साबुन से हाथ धोने के प्रति जागरूक किया गया।इसी क्रम में संयुक्त जिला चिकित्सालय गौरीगंज में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बी पी अग्रवाल ने बताया कि किसी वस्तु को छूने, उसका इस्तेमाल करने और दैनिक कार्यों के कारण हमारे हाथों में गंदगी छिपी होती है, जो सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देती। ऐसे में बिना हाथ धोये खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है, जो तमाम बीमारियों का कारण बनती है। गंदे हाथों के छूने से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंच जाता है। हाथों की सही ढंग से धुलाई कर हम खुद के साथ ही दूसरों को भी बीमार होने से बचा सकते हैं । जिला परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस विनोद कुमार ने बताया कि साबुन से हाथ धोने से डायरिया होने की संभावना में 30 प्रतिशत और हाथ से होने वाले अन्य संक्रमण विशेष रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 20 प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने बताया कि देश में हर वर्ष पांच साल से कम उम्र के बच्चों की होने वाली 2.3 मिलियन मृत्यु में 13-14 प्रतिशत डायरिया सम्बन्धी बीमारियों के कारण होती है। लिहाजा हैण्डवाश के प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए।
जिला नर्स मेंटर तृष्णा मुखर्जी ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए हमे हमेशा छोटी-छोटी बातों का ध्यान देते रहना जरूरी होता हैं।
साबुन से हाथ धोना भी हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा है। दैनिक कार्यों के दौरान हम कई वस्तुएं छूते हैं। इस दौरान कीटाणु हमारे हाथ की लकीरों में छिप जाते हैं। बड़ों की तुलना में बच्चों को यह खतरा अधिक रहता है। बच्चे धूल-मिट्टी में भी खेलते हैं। इस दौरान उनके हाथों में कीटाणु चिपक जाते हैं। इससे डायरिया, चर्म रोग, पेट से सम्बन्धित व आंखों में संक्रमण आदि का हर समय खतरा रहता है।
हाथों को धोना कब है जरूरी-
हमें शौच करने के बाद साबुन से हाथ जरूर धुलना चाहिए।
खाना खाने से पहले हाथ जरूरत धुलें।
खाना बनाने से पहले भी हाथ अवश्य धुले।
पालतू जानवारों को छूने के बाद भी हाथ की सफाई जरूरी।
खांसने, छींकने अथवा शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली करने के बाद हाथ जरूर धुलें।
बीमार व्यक्ति को छूने से पहले और बाद में भी हाथ जरूर धुले।
हाथ धुलने के लिए अपनाएं “सुमन-के” विधि-
एस- सीधा, यू- उल्टा, एम- मुट्ठी, ए- अंगूठा, एन- नाखून और के का मतलब कलाई से है। इस विधि से हाथ धुलने के लिए पहले कलाई, फिर हाथ के उलटी तरफ, फिर मुट्ठी, उसके बाद अंगूठा, फिर नाखून और अंत में पुनः कलाई को साफ करना चाहिए।